मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल स्किल पार्क में खाली सीटों पर असंतोष जताया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की ब्रांड वैल्यू को बढ़ाया जाए, ताकि सभी सीटें भर सकें और युवाओं को ओरिएंटेड प्रशिक्षण प्रशिक्षण मिले। 9 अप्रैल 2025 को आयोजित तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह चिंता जताई कि इस प्रतिष्ठित परियोजना में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है।
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क्या था बैठक में चर्चा का मुख्य बिंदु?
ग्लोबल स्किल पार्क में 900 सीटों की व्यवस्था है, लेकिन केवल 450 सीटें ही भरी गई हैं, जबकि निजी संस्थानों में सभी सीटें भर जाती हैं। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और अधिकारियों से इस पर सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना युवाओं को कौशल प्रदान करने और रोजगार के अवसर देने के लिए बनाई गई थी, लेकिन युवाओं का विश्वास अब तक इस दिशा में नहीं बन पाया है।
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उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जोर दिया कि प्रदेश में स्थित उद्योगों की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को पहले प्रदेश में, फिर देश में और अंततः विदेशों में रोजगार के अवसर मिलने चाहिए। इसके लिए योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।
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योजनाओं की प्रगति से असंतोष
मुख्यमंत्री ने विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि युवाओं के कौशल विकास और रोजगारपरक कार्यक्रमों के लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा कि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हों।
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बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सभी अधिकारियों से मिलकर इस दिशा में तेजी से काम करने की अपील की, ताकि ग्लोबल स्किल पार्क युवाओं के लिए एक प्रभावी कौशल विकास केंद्र बन सके।
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