कैग का खुलासा: कर्ज लेकर कर्ज चुका रही मध्यप्रदेश सरकार

कैग की 2023-24 रिपोर्ट में एमपी के कर्च को लेकर चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि सरकार पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नए कर्ज का उपयोग कर रही है। जानें क्या कहती है पूरी रिपोर्ट...

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Amresh Kushwaha
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भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) ने वर्ष 2023-24 के लिए अपनी रिपोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति पर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार हर साल नए ऋण लेकर पुराने कर्ज और उसके ब्याज को चुका रही है। इस प्रक्रिया ने राज्य के विकास कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।

वर्ष 2023-24 में ही राज्य सरकार ने 65 हजार 180 करोड़ रुपए का ऋण लिया। इसमें से 21 हजार करोड़ रुपए पुराने कर्ज और ब्याज के भुगतान में खर्च हो गए। इस प्रकार, सरकार का लगभग 33% ऋण पुराने कर्ज को चुकाने के लिए इस्तेमाल हुआ। यह स्थिति विकास कार्यों के लिए उपलब्ध राशि को सीमित कर रही है। बता दें कि यह खुलासा गुरुवार (31 जुलाई) को एमपी विधानसभा में पेश कैग के वर्ष 2023-24 के लिए राज्य वित्त पर दिए प्रतिवेदन में हुआ है।

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पिछले पांच वर्षों में औसत आंकड़े

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले पांच वर्षों में औसतन 30.95% उधारी पुराने कर्ज को चुकाने में खर्च हुई। 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 33% तक पहुंच गया। इसका मतलब है कि विकास के लिए आवंटित धन की राशि लगातार घट रही है।

एमपी के उधार के सत्रवार आंकड़े

वर्षकुल उधारी (करोड़ रुपए में)उधारी का भुगतान (करोड़ रुपए में)विकास निधि (करोड़ रुपए में)
2019-2034 हजार 36410 हजार 93323 हजार 430
2020-2165 हजार 17012 हजार 75752 हजार 413
2021-2246 हजार 28515 हजार 16231 हजार 122
2022-2358 हजार 86722 हजार 00636 हजार 861
2023-2465 हजार 18021 हजार 63543 हजार 544

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कैग की रिपोर्ट की मुख्य बातें

कैग की रिपोर्ट में बताया गया कि उधारी का सही उपयोग होना चाहिए। इसे पूंजी सृजन और विकास संबंधी कार्यों में खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार का अधिकतर उधारी पुराने कर्ज और ब्याज की अदायगी में ही उपयोग हो रहा है।

कर्ज से मुक्ति के लिए कैग की सिफारिशें

कैग ने सरकार से कुछ जरूरी सिफारिशें की हैं ताकि वित्तीय प्रबंधन बेहतर हो सके-

  1. उधारी की आवश्यकता पर पुनर्विचार: सरकार को नए उधारी लेने से पहले मौजूदा नकदी का सही उपयोग करना चाहिए।

  2. निवेशों की समीक्षा: सरकार को अपने निवेशों का पुनर्गठन करना चाहिए ताकि उच्च लाभ प्राप्त हो सके।

  3. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का पुनरुद्धार: जो उपक्रम भारी नुकसान उठा रहे हैं, उनकी समीक्षा करनी चाहिए और उनके पुनरुद्धार के लिए रणनीति तैयार करनी चाहिए।

  4. बजट योजना में सुधार: बजट प्रक्रिया को तर्कसंगत और पारदर्शी तरीके से बनाने के लिए सरकार को उपायों को लागू करना चाहिए।

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राज्य सरकार को वित्तीय बदइंतजामी से बचने के उपाय

कैग की रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि राज्य सरकार को कर्ज के बोझ से बचने के लिए अपनी वित्तीय रणनीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता है। कर्ज लेकर कर्ज चुकाने की प्रवृत्ति न केवल विकास कार्यों को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर रही है। कैग की सिफारिशें राज्य सरकार के लिए अहम दिशा-निर्देश प्रदान करती हैं। इनसे राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद मिल सकती है।

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