एमपी सरकार आज लेगी 3000 करोड़ का नया कर्ज, सिर्फ एक साल में ही मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ 50 हजार करोड़

मध्य प्रदेश सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान 3000 करोड़ का नया कर्ज लेने जा रही है। इसके बाद राज्य का कुल कर्ज 50 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है, लेकिन सरकार विकास कार्यों के लिए यह कर्ज ले रही है।

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Sanjay Dhiman
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BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने की योजना बना रही है। सरकार इस बार 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से लिया जाएगा।

इससे राज्य का कुल कर्ज इस वित्तीय वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। यह कर्ज तीन हिस्सों में लिया जाएगा, जिनकी समय सीमा 8, 13 और 23 साल की होगी। 

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अनुपूरक बजट के साथ कर्ज का बोझ

सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अपना दूसरा अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसी के साथ वह 3000 करोड़ रुपए का कर्ज भी ले रही है। यह कर्ज पिछले कर्जों की तरह ही विकास कार्यों और योजनाओं के लिए लिया जा रहा है। इससे पहले 12 नवंबर को 4000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।

सरकार क्यों बार- बार कर्ज ले रही है?

सरकार की बार-बार कर्ज लेने की नीति विपक्ष के निशाने पर है। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि कर्ज विकास कार्यों और योजनाओं के लिए लिया जा रहा है। हालांकि विपक्ष ने सवाल उठाया है कि यदि सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है तो राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है।

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मोहन सरकार का कर्ज 2025 में

इस साल के शुरुआत से अब तक, मध्य प्रदेश सरकार ने कई बार कर्ज लिया है। ये कर्ज विभिन्न योजनाओं और कार्यों के लिए लिया गया। सरकार ने इन तारीखों में कर्ज लिया। 

तारीखकर्ज (रुपए)
4 जून 20254500 करोड़
8 जुलाई 20254800 करोड़
30 जुलाई 20258600 करोड़
5 अगस्त 20255000 करोड़
26 अगस्त 20254800 करोड़
9 सितंबर 20253000 करोड़
23 सितंबर 20253000 करोड़
30 सितंबर 20253000 करोड़
28 अक्टूबर 20255200 करोड़
11 नवंबर 20253000 करोड़
दिसम्बर 20253000 करोड़

मध्यप्रदेश सरकार के नए कर्ज को ऐसे समझें 

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  • मध्यप्रदेश सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दौरान 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है, जिसे RBI के माध्यम से लिया जाएगा।
  • इस कर्ज का ब्याज भुगतान हर छह महीने में जून और दिसम्बर में किया जाएगा।
  • सरकार के नए कर्जों के भुगतान की समय सीमा तय की हैं: 1,000 करोड़ रुपए का कर्ज 8 साल, 1,000 करोड़ का 13 साल, और 1,000 करोड़ का 23 साल में चुकाया जाएगा।
  • सरकार ने 2023-24 में 12,487.78 करोड़ रुपए का रेवेन्यू सरप्लस हासिल किया था। कर्ज की सीमा में रहते हुए यह नया कर्ज लिया जा रहा है।
  • इससे पहले भी सरकार ने अक्टूबर और नवम्बर में कई कर्ज लिए थे, जिनकी अदायगी लंबी अवधि में की जाएगी।

सरकार का सरप्लस रेवेन्यू

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12 हजार करोड़ रुपए का सरप्लस रेवेन्यू प्राप्त किया था। इसके अलावा, सरकार ने 2024-25 में 1 हजार करोड़ रुपए के सरप्लस की योजना बनाई है। इसका मतलब है कि राज्य की आमदनी खर्च से ज्यादा रही, जिससे कर्ज लेने की सीमा को बनाए रखा जा सका।

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विपक्ष के हमले

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर बार-बार कर्ज लेने को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है। राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिर यह कर्ज कौन चुकाएगा? जनता कर्ज के बोझ तले दब रही है।

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