एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र का पहला दिन: सवाल, हंगामा और तीखे आरोपों की गूंज

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा, जिनमें खरीफ फसल खरीदी, रोजगार, बिजली संकट और वीआईटी यूनिवर्सिटी का विवाद शामिल थे। सत्र के दौरान तीखे आरोपों और हंगामे के बीच बहस जारी रही।

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Ramanand Tiwari
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Photograph: (THESOOTR)

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BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सोमवार से शुरू हुई। पहले दिन सदन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रश्नकाल में प्रवेश हुआ। जैसे ही सवाल-जवाब शुरू हुए, विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया।

सदन में खरीफ फसलों की खरीदी, खिलाड़ियों से जुड़े सवाल, रोजगार, सिरप कांड, अतिवृष्टि नुकसान, सहकारिता चुनाव, बिजली कटौती, बीमा राशि और वीआईटी यूनिवर्सिटी का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। इन विषयों पर विपक्ष ने जमकर शोर-शराबा किया और सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा।

4 दिन में 40 दिन का काम करें: संसदीय कार्यमंत्री

विधानसभा सत्र छोटा होने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और इसे लोकतंत्र के साथ अन्याय बताया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि “सागर में गागर भरना सीखें… चार दिन में 40 दिन का काम करना होगा।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आजकल तो वर्क फ्रॉम होम भी चल रहा है। स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने लगातार बढ़ रहे हंगामे पर सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की।

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खरीफ फसल खरीदी पर गर्माया सदन

कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने खरीफ उपार्जन में बड़े घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि 21,717 क्विंटल खरीदी में अनियमितताएं हुईं और 52 करोड़ रुपए का गबन हुआ।

सरकार ने स्वीकार किया कि महिला स्व सहायता समूहों को किसानों का पंजीयन कराने का अधिकार नहीं है, फिर भी पिछले दो साल में 22 समूहों को खरीदी का काम दिया गया था। इस मामले में 17 समूहों को अपात्र भी घोषित किया गया है।

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रोजगार पर भी सरकार घिरी

विधायक अभिलाष पांडेय ने युवाओं की रोजगार स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि कौशल विकास योजना में कितने युवाओं को ट्रेनिंग मिली और जबलपुर जिले में कितनों को लाभ मिला।

मंत्री गौतम टेटवाल ने बताया कि प्रदेश में अब तक 47,856 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। जबलपुर में 1,832 युवाओं को ट्रेनिंग मिली। पीएम कौशल विकास योजना के तहत 34,780 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।

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बिजली संकट-बीमा विवाद पर बहस

कांग्रेस विधायक शेखावत ने किसानों को बिजली न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि ऊर्जा मंत्री सदन में क्यों नहीं हैं और 10 घंटे बिजली मिलने का दावा किस आधार पर किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सहकारिता सोसाइटियों के चुनाव 12–15 साल से नहीं हुए। बीमा कंपनियों ने किसानों से 7000 करोड़ लिए, लेकिन सिर्फ 700 करोड़ का भुगतान किया।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि किसानों को पूरा बीमा मिलना चाहिए। बीजेपी विधायक ने कहा कि बीमा कंपनियों को किसानों के नुकसान का तत्काल सर्वे करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे वाहन दुर्घटना में बीमा तुरंत मिलता है, वैसे ही किसानों की फसल बीमा राशि भी पूरी और समय पर मिले।

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वीआईटी यूनिवर्सिटी विवाद भी पहुंचा सदन

कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने वीआईटी यूनिवर्सिटी के छात्रों की समस्याएं उठाईं। उन्होंने कहा कि सत्र छोटा रखने की वजह से छात्रों के गंभीर मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही। शेखावत ने चेतावनी दी कि जनता जब जवाब मांगेगी तो विधायकों को भागना पड़ेगा।

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