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मैहर. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो सरकारी स्कूल की खस्ताहाल स्थिति को दर्शाता है। वीडियो में बच्चों को शिक्षा की जगह मिड डे मील की रसोई में काम करते हुए दिखाया गया है। यहां बच्चे पढ़ाई के बजाय चावल धोने, प्याज काटने और लहसुन छीलने जैसे काम कर रहे हैं। यह स्थिति स्कूल के कार्यक्षमता को उजागर करती है, जहां बच्चों को शिक्षा नहीं, बल्कि रसोई के काम सिखाए जा रहे हैं।
ये बच्चे भविष्य में अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे?
यह वीडियो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि अगर देश के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा जाएगा और उन्हें रसोई का काम करने पर मजबूर किया जाएगा, तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि ये बच्चे भविष्य में अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे? इस घटना ने मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं और इसे सुधारने की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
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वीडियो में दिखी कड़ी सच्चाई
मैहर जिले के अमरपाटन विकासखंड के भोगम पपरा गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक सेटेलाइट विद्यालय में यह मामला सामने आया है। वायरल हो रहे वीडियो में दो छात्राएं चावल साफ करती हुई नजर आ रही हैं। वहीं, एक अन्य छात्रा प्याज और लहसुन काट रही है। यह दृश्य विद्यालय के किचन में काम करते बच्चों को दर्शाता है, जबकि उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए थी। यह गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि बच्चों का समय इस तरह के कामों में बर्बाद हो रहा है।
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शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस वीडियो ने न केवल प्रदेश के शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। ऐसे कार्यों के लिए बच्चों को प्रेरित करना शिक्षा के उद्देश्य के खिलाफ है। बच्चों का यह समय पढ़ाई में लगना चाहिए, न कि रसोई के कामों में। सरकार के लिए यह बड़ा सवाल है कि आखिर शिक्षा के मंदिर में बच्चों से इस तरह के काम कराए जाने की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।
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जांच का आदेश
वायरल वीडियो को लेकर अमरपाटन विकासखंड के शिक्षा अधिकारी प्रणेश त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि यह वीडियो उनके संज्ञान में आया है और वे इस मामले की जांच करेंगे। स्कूल के प्रिंसिपल और जनशिक्षक से बात की गई है और उन्हें स्कूल भेजा गया है। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी पूरी जांच करने का निर्णय लिया है।
जांच के बाद आगे की कार्रवाई
इस मामले में आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी। यदि यह पाया गया कि बच्चों से अनधिकृत रूप से काम करवाया जा रहा था, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को पढ़ाई के अलावा कोई अन्य कार्य करने के लिए न लगाया जाए।
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मिड डे मील घोटाला