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मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सोमवार को मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के कई पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान यह प्रश्न उठा कि क्या प्रत्येक जिले में नया मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की आवश्यकता है।
जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि नए कॉलेज खोलने के बजाय, वर्तमान मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाकर डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का अधिकतम उपयोग किया जाए और मेडिकल शिक्षा का स्तर ऊंचा किया जाए। बता दें कि हाल ही में सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही थी। अब सीएस के इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि CS जैन मुख्यमंत्री की बात से सहमत नहीं है।
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अधिकारियों से और क्या कहा
स्वास्थ्य विभाग की इस समीक्षा बैठक में केवल 25 स्लाइड्स पर चर्चा हो सकी, जबकि कुल 94 स्लाइड्स तैयार की गई थीं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अगली बैठक में पूरी समीक्षा की जाएगी और अब से प्रत्येक माह नियमित समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि लंबित मुद्दों पर तेजी से निर्णय लिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाया जाए, जिससे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक स्तर पर विस्तार हो सके।
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मातृ एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने मातृ स्वास्थ्य (मेटरनल हेल्थ) पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया, जिसमें प्रसूति सेवाओं, सुरक्षित प्रसव और मां-शिशु के पोषण पर जोर दिया गया। साथ ही, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) सेवाओं के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों का समुचित समाधान हो सके।
सीएम ने की थी हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही थी और झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। वर्तमान में, मध्य प्रदेश में 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, 9 नए कॉलेज निर्माणाधीन हैं, और 12 कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर स्थापित किए जाने की योजना है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन कॉलेजों की स्थापना से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा और डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी।
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अमानक दवाओं की समस्या का समाधान
मुख्य सचिव ने हेल्थ कॉर्पोरेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में इसकी भूमिका केवल रेट कॉन्ट्रेक्ट तक सीमित रह गई है, जिसे विस्तारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अन्य राज्यों की सेंट्रलाइज्ड पर्चेसिंग सिस्टम का अध्ययन करने और फार्मेसी के वेयरहाउसिंग को सुदृढ़ करने पर जोर दिया, ताकि अमानक दवाओं की समस्या को समाप्त किया जा सके।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मौजूदा संसाधनों का प्रभावी उपयोग, मातृ एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान, और दवा आपूर्ति श्रृंखला में सुधार जैसे कदम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा प्रदान करेंगे।
जरूरी बातें क्या रहीं
- ✅ मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में सीट वृद्धि पर जोर
- ✅ मातृ एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
- ✅ अमानक दवाओं की समस्या का समाधान
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