मुख्य सचिव अनुराग जैन बोले - जुआ-सट्टा हैं अपराध की जड़, टीआई की जवाबदेही तय होगी

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि अपराध की जड़ जुआ-सट्टा (Gambling and Betting) है। उन्होंने थाना प्रभारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बगैर पुलिस की सहमति के यह अपराध नहीं चल सकता।

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Manish Kumar
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Madhya Pradesh Crime Control

डीजीपी कैलाश मकवाना और मुख्य सचिव अनुराग जैन

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BHOPAL. मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव (CS) अनुराग जैन ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों के पीछे जुआ-सट्टे को सबसे बड़ा कारण बताया है। उन्होंने कहा कि अपराध की पहली सीढ़ी यही है और इसे पुलिस की अनदेखी के बिना संचालित नहीं किया जा सकता। वहीं, डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि अपराधों पर नियंत्रण के लिए एसपी और कलेक्टर को ईमानदारी से काम करना होगा।

सीएस जैन ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए 31 मार्च तक की समय सीमा तय की है। साथ ही बुलडोजर कार्रवाई के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी तैनात करने की घोषणा की है, जिससे गलत ढंग से निजी संपत्तियों पर कार्रवाई को रोका जा सके।

अपराध पर लगाम के लिए पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पुलिस अधिकारियों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि किसी भी इलाके में टीआई (थाना प्रभारी) की अनुमति के बिना जुआ-सट्टा नहीं चल सकता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मैं खुलेआम बोल रहा हूं कि इलाके के टीआई इसके लिए जिम्मेदार हैं। उनकी अनुमति के बिना यह संभव नहीं है।"

उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर थानों में अपराध पनप रहा है, तो सीधे तौर पर थाना प्रभारी और अन्य जिम्मेदार अधिकारी जवाबदेह होंगे।

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डीजीपी बोले – ईमानदारी से काम करें एसपी और कलेक्टर

डीजीपी कैलाश मकवाना ने अपराध रोकने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर एसपी और कलेक्टर अपना कार्य निष्पक्षता से करें, तो अपराधों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।

"प्रदेश में अपराध रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों को अपने कार्यों में पूरी निष्ठा रखनी होगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"डीजीपी कैलाश मकवाना

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वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वेक्षण 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का पूरा ब्यौरा दर्ज करने के लिए 31 मार्च 2024 तक की डेडलाइन तय कर दी है।

उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया कि प्रदेशभर में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सही जानकारी दर्ज की जाए और भू-अधिकारों का आकलन किया जाए। इससे सरकारी जमीनों और धार्मिक संपत्तियों पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।

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बुलडोजर कार्रवाई के लिए बनेगा पोर्टल, नोडल अधिकारी होंगे तैनात

मुख्य सचिव ने प्रदेश में चल रही बुलडोजर कार्रवाई पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार गलत तरीके से निजी संपत्तियों पर बुलडोजर नहीं चलाने देगी।

"अतिक्रमित जमीन पर ही बुलडोजर कार्रवाई होगी। किसी भी स्थिति में निजी जमीन पर कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे और सभी मामले एक पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।"सीएस अनुराग जैन

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बुलडोजर केवल अवैध अतिक्रमण वाली संपत्तियों पर चलेगा। इससे किसी निर्दोष व्यक्ति की संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका कम होगी।

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सरकार का रुख सख्त, कलेक्टरों को दिए गए कड़े निर्देश

सीएस जैन ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं और गलत कार्रवाई से बचें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाएगी।

सरकार ने अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इन निर्देशों को कितनी प्रभावी तरीके से लागू करता है।

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