इंदौर की सराफा चौपाटी बचाने के लिए 2.5 करोड़ का चंदा हो रहा जमा, 80 की जगह 110 की लिस्ट बनाने की जुगत

इंदौर की सराफा चौपाटी को बचाने के लिए 2.5 करोड़ रुपए का चंदा जमा किया जा रहा है। इसमें 80 की बजाय 110 परंपरागत व्यंजन बेचने वालों को लिस्ट में शामिल करने की योजना है।

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Sanjay Gupta
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पीएम नरेंद्र मोदी जिस सराफा चौपाटी (Indore Sarafa Chaupati) की स्वाद गली की तारीफ करते हैं, उसे बचाने के लिए अब चंदे का सहारा लिया जा रहा है। द सूत्र को मिली खास जानकारी के अनुसार इसके लिए छोटी-मोटी राशि नहीं बल्कि करीब ढाई करोड़ का चंदा किया जा रहा है। इस संबंध में द सूत्र के पास पुख्ता जानकारी मौजूद है।

अभी तक इस तरह चला विवाद

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव दोनों ही साफ कह चुके हैं कि सराफा चौपाटी हटेगी नहीं लेकिन परंपरागत व्यंजन वाले ही ओटले लगेंगे। एमआईसी में भी इस संबंध में प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है। वहीं सराफा व्यापारी एसोसिएशन इसे पूरी तरह से हटाने पर अड़े हुए हैं। उनके साथ रेडीमेड गारमेंट, कृष्णपुरा छत्री व्यापारी व अन्य एसोसिएशन भी साथ हो गए हैं और यह सभी 1 सितंबर से रात 10 बजे तक बाजार चालू करने की बात कह चुके हैं।

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परंपरागत व्यंजन बेचने वालों की लिस्ट के लिए चंदा

द सूत्र को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार, जो 80 व्यापारी परंपरागत व्यंजन बेचते हैं। इस लिस्ट को अब बढ़ाकर 100 से 110 करने की तैयारी है। अभी मौजूदा सभी कारोबारी सवा दो सौ से अधिक हैं। इस लिस्ट में नाम उन्हीं का आएगा जो चंदा देगा, यह बात कही गई है। इसके लिए प्रति कारोबारी से ढाई लाख रुपए लिए जा रहे हैं, यानी 100 की भी लिस्ट बनी तो यह ढाई करोड़ रुपए होगा। इसमें 50-50 हजार रुपए अभी लिए गए हैं और लिस्ट में नाम आने के बाद 2-2 लाख रुपए और देने होंगे।

चंदा किसे जाएगा

चंदा यह जमा हो रहा है तो फिर जाएगा किसे? इस बात का खुलासा नहीं है। जिसने राशि जमा की है, वह इसे कहां देगा, यह राशि देने वाले कारोबारी को भी नहीं पता है। कुल मिलाकर ढाई करोड़ के चंदे का खेल खेला जा रहा है। इसमें कौन फायदा उठा रहा है, यह जांच का विषय है। पहले भी इस लिस्ट को निगम के अंदर यह बात उठी थी कि 80 परंपरागत व्यंजन बेचने वालों की पहचान आखिर कैसे होगी, इसे कैसे तय किया जाएगा कि लिस्ट में कौन रहेगा और कौन नहीं, इस पर सभी ने चुप्पी साध ली थी।

इंदौर के सराफा चौपाटी की खबर पर एक नजर

  • सराफा चौपाटी को बचाने के लिए करीब ढाई करोड़ का चंदा जुटाया जा रहा है, जिसमें प्रति कारोबारी से ढाई लाख रुपए लिए जा रहे हैं।

  • व्यापारी एसोसिएशन की मांग: सराफा व्यापारी एसोसिएशन चौपाटी को हटाने का विरोध कर रहा है और इसके शिफ्ट करने की बजाय व्यवस्थित करने की मांग कर रहा है।

  • चंदे की असमंजस: चंदे का पैसा किसे दिया जाएगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है, और व्यापारियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

  • राजनीतिक विवाद: विधायक मालिनी गौड़ और महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बीच चौपाटी को लेकर मतभेद बढ़ गए हैं, जिससे यह मुद्दा राजनीतिक रूप से जटिल हो गया है।

  • मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया: नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस मामले में अब वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे और महापौर से समन्वय की बात करने का सुझाव दिया।

चौपाटी के अध्यक्ष बोले, हमें नहीं पता चंदे की बात

इस मामले में सराफा चौपाटी के अध्यक्ष रामजी गुप्ता से द सूत्र ने सीधा सवाल किया कि कौन चंदा कर रहा है और लिस्ट कैसे बन रही है, कितने की बन रही है। इन पर गुप्ता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कौन चंदा कर रहा है और किसने बोला ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है, लिस्ट को लेकर भी मुझे कोई जानकारी नहीं है कि कितने की बनेगी और कौन होंगे।

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इधर विधायक और महापौर के बीच भी तल्खी

इस मामले में महापौर ने सराफा चौपाटी की सुरक्षा की समीक्षा के लिए पहले एमआईसी मेंबर की कमेटी बनाई थी। इसके बाद इसे शिफ्ट करने की बात चली। सराफा व्यापारी भी लगातार इसे शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे शाम को उनका धंधा नहीं चलता है, क्योंकि वह शाम 6-7 बजे से ही ओटलों पर आ जाते हैं।

विवाद के बीच सराफा व्यापारी विधायक मालिनी गौड़ से मिले और उन्होंने दो टूक कहा कि सराफा चौपाटी मेरी विधानसभा में आती है और मैं फैसला करूंगी, इसमें कोई भी दखल देने वाला कौन होता है। उधर महापौर भार्गव इस चौपाटी को शिफ्ट करने की जगह लगाने की बात खुलकर कह चुके हैं, वह व्यापारियों से कह चुके हैं कि चौपाटी शिफ्ट नहीं होगी, इसे व्यवस्थित कैसे कर सकते हैं, इस पर आप बात रखिए। कुल मिलाकर विवाद राजनीतिक भी गहरा गया है।

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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी हाथ खड़े किए

सराफा एसोसिएशन के व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से भी बात की। सोना-चांदी जवाहरात एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अजय लाहोटी ने कहा कि मंत्रीजी ने कहा कि इस मुद्दे पर आप लोग बहुत आगे निकल गए हैं, अब मैं इसमें क्या करूंगा, अब आप इसमें महापौर से बात कर लीजिए। इसमें बात समन्वय की हो सकती है कि चौपाटी पूरी नहीं हट सकती है, इसके लिए मोदीजी भी तारीफ कर चुके हैं, इसे और व्यवस्थित किया जा सकता है, परंपरागत व्यंजन वाले ही रहें यह हो सकता है

एसोसिएशन अध्यक्ष हुकुम सोनी ने कहा कि मंत्रीजी से प्रतिनिधिमंडल ने बात की है, इस पर उन्होंने कहा कि अब आप लोग बहुत आगे निकल गए हैं। उन्होंने महापौर को भी फोन लगा दिया था, सोमवार को मीटिंग होगी। हम सभी व्यापारी एकजुट हैं कि चौपाटी नहीं लगे, हमारा कारोबार प्रभावित होता है। देखते हैं कि अब सोमवार को बैठक में क्या होता है। यदि बात व्यापारी वर्ग के हित की बात आएगी तो कोर्ट भी जाना होगा तो जाएंगे, क्योंकि गुमाश्ता लाइसेंस हमें देर रात तक कारोबार की मंजूरी देता है, इससे हमें कोई रोक नहीं सकता है।

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