युगपुरुष धाम आश्रम के संचालकों ने बीमारी को इतना छिपाया कि संक्रमण इस स्तर पर हो गया कि बच्चों की जान जाती गई। भर्ती बच्चों के मेडिकल टेस्ट के दौरान, उनके टेस्ट सेंपल और उल्टी, दस्त में पेट से कीड़े निकल रहे हैं। यह तभी होता है जब संक्रमण का स्तर खतरनाक स्तर पर हो जाए। 27 जून को ही यह संक्रमण डॉक्टर ने पहचान लिया था, लेकिन इसके बाद भी मामला दबाकर रखा गया और फिर 29- 30 जून की रात को हुई अंकित गर्ग की मौत को भी छिपा लिया।
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खतरनाक विब्रियो कॉलरा ही निकला सेंपल में
अभी चाचा नेहरू में 48 बच्चे एडमिट है और 31 बच्चे डिस्चार्ज हो चुके हैं, यानि कुल 81 बच्चे दूषित पानी के चलते कॉलरा ( हैजा ) से संक्रमित हुए थे। बैक्टिरिया भी घातक विब्रियो कॉलरा निकला है। जिसमें लापरवाही जानलेवा होती है।
आश्रम ने बच्चे के वीडियो बनाकर परिजन को भेजे
युगपुरुष धाम आश्रम के संचालकों की असंवेदनशीलता इस हद पर थी कि जिस अंकित गर्ग ( जिसकी मौत 29-30 जून की रात हुई ) की मौत को छिपाया गया था, उसकी खराब तबीयत के वीडियो बनाए गए और परिजनों को भेजे गए। लेकिन इस मामले में जिला प्रशासन को किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई। फिर उसकी मौत के बाद मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के ही करा दिया गया।
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खाना-पीना बंद होने पर किया यह काम
जब अंकित को उल्टियां होना शुरू हुई और खाना-पीना बंद हुआ तो संस्था ने पहले परिवार को उसके वीडियो भेजे और हालत बताई। संस्था द्वारा लगातार उन्हें फोन कर इंदौर आने को कहा गया। संस्था की ओर से बताया गया कि वह काफी कमजोर हो गया है। उसकी हालत खराब होती जा रही है, आप जल्द पहुंचें। इस पर भाई, पिता मनोज गर्ग, दादा आधी रात को इंदौर के लिए निकलने की तैयारी कर रहे थे। देर रात उनके पास संस्था से फिर फोन आया कि उसकी मौत हो गई है। फिर अगले दिन परिवार को डैड बॉडी सुपुर्द कर पंचकुईया मुक्ति धाम पर दफना दिया गया। उन्हें न तो मौत का सही कारण बताया गया और न ही पोस्टमॉर्टम कराया गया।
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एक साल पहले ही पन्ना से आया था अंकित
पन्ना के अंकित कुमार गर्ग को बाल कल्याण समिति (पन्ना) द्वारा 23 जनवरी 2023 को ‘युग पुरुष’ को सौंपा गया था। उस दौरान उसकी उम्र 9 वर्ष थी। तब उसके पिता पत्नी रश्मि की हत्या के जुर्म में सतना जेल में सजा काट रहे थे। अंकित जन्म से मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार है। इसके चलते सतना जेल प्रबंधन ने उसकी कमजोर हालत देख उसे पिता के साथ रखने से मना कर दिया। फिर बाल कल्याण समिति (पन्ना) ने उसकी जांचे करवाई। इसमें मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर पाए जाने पर ‘युग पुरुष’ को सौंपा।
संस्था पर एक साल पहले भी हुए थे एफआईआर के आदेश
एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग ने नियम विरुद्ध चल रही 13 बाल संरक्षण संस्थाओं के खिलाफ फरवरी 2023 में एफआईआर के आदेश महिला बाल विकास विभाग को दिए थे। इनमें युगपुरुष धाम संस्था का नाम भी था। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने 15 फरवरी 2023 को इन संस्थाओं की सूची भेजी थी। राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा कि राज्य आयोग ने भी इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र भेजा था पर कार्रवाई नहीं हुई। इस पूरे मामले में मानवाधिकार आयोग मप्र ने भी इंदौर प्रशासन से पूरी जानकारी मांगी है।
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