मध्यप्रदेश के सरकारी वकीलों का कार्यकाल एक माह बढ़ा, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

मध्यप्रदेश में सभी शासकीय अधिवक्ताओं का कार्यकाल एक महीने के लिए फिर से बढ़ा दिया गया है। इससे पहले जुलाई में भी इसे एक महीने के लिए बढ़ाया गया था।

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Manish Kumar
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Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार ने औपचारिक रूप से विधि और विधायी कार्य विभाग में कार्यरत विधि पदाधिकारियों का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले से महाधिवक्ता कार्यालय में कार्यरत सभी विधि पदाधिकारियों को बड़ी राहत मिली है। इनमें अतिरिक्त महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, शासकीय अधिवक्ता और अन्य सहायक कानूनी अधिकारी शामिल हैं।

यह कदम 31 जुलाई 2024 को जारी किए गए एक आदेश के बाद उठाया गया, जिसमें उनके कार्यकाल को विस्तार दिया गया था। मध्यप्रदेश शासन के सचिव मुकेश कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी संबंधित विभागों को सूचित किया। इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य राज्य के कानूनी मामलों में निरंतरता बनाए रखना है।

कार्यकाल बढ़ाने का कारण क्या रहा?

इस फैसले के पीछे की वजह यह है कि विधि पदाधिकारियों की नई नियुक्तियों में कुछ और समय लग सकता है। अगर कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता, तो कई महत्वपूर्ण मामलों की पैरवी करने वाले अधिकारी एक साथ सेवामुक्त हो जाते। इससे सरकारी कानूनी प्रक्रियाओं में एक बड़ा व्यवधान पैदा हो सकता था। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कानूनी कार्यवाही बिना किसी रुकावट के चलती रहे। 

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30 सितंबर तक सेवाएं दे सकेंगे ये वकील

यह आदेश 31 जुलाई 2024 के पूर्व जारी आदेश के संदर्भ में लागू होगा। इससे पहले जुलाई 2025 में भी इसको एक महीना आगे बढ़ा दिया गया था।
महाधिवक्ता कार्यालयों में जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और नई दिल्ली में कार्यरत पदाधिकारी अब अगले आदेश आने तक 30 सितंबर तक अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। इस विस्तार का उद्देश्य विभागीय कार्यों की निरंतरता बनाए रखना है जिससे कानून और विधान के संचालन में कोई बाधा न आए।

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कार्यकाल बढ़ाने का क्या होगा असर

शासकीय अधिवक्ताओं का कार्यकाल बढ़ाने से संबंदित यह फैसला विभाग में स्थिरता प्रदान करेगा। इसके साथ ही न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों के दौरान विधि पदाधिकारियों को आवश्यक समय भी देगा। इसका इस्तेमाल वे नए पदाधिकारियों को हैंडओवर प्रक्रिया को ठीक ढंग से पूरा कर सकेंगे।

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शासन ने जारी किए आदेश

शासकीय अधिवक्ताओं का कार्यकाल बढ़ाए जाने का आदेश मध्यप्रदेश शासन के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी किया गया है। विभाग में सचिव मुकेश कुमार के हस्ताक्षर से यह आदेश जारी किया गया। सचिवालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कार्यकाल वृद्धि एक निश्चित अवधि के लिए है और इसे विभागीय आवश्यकताओं को देखते हुए लिया गया है।

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फैसले का आम आदमी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इस फैसले का सीधा प्रभाव आम जनता पर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण है। जब सरकारी कानूनी प्रक्रियाएं बिना रुकावट के चलती हैं, तो न्याय प्रणाली की दक्षता बढ़ती है। इससे सरकार से जुड़े कानूनी मामलों का निपटारा समय पर होता है, जो अंततः सार्वजनिक हित में होता है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के कानूनी पक्ष को कमजोर होने से बचाया जा सके, जिससे न्याय व्यवस्था की गरिमा बनी रहती है। सरकारी वकील | विधि विभाग | जबलपुर महाधिवक्ता कार्यालय 

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