BHOPAL. मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल के विधायकों को आखिर ये क्या हो गया? क्यों अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल बैठे हैं? कहीं से भ्रष्टाचार की शिकायत आ रही है तो कहीं माननीय सरकारी अधिकारियों के कामकाज से खुश नहीं हैं। आखिर क्या चल रहा है धरातल पर? इन माननीयों का दर्द है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
माननीय का कहना है उन्हें टारगेट किया जा रहा
इस फेहरिस्त में सबसे ताजा मामला है बालाघाट जिले की लांजी से विधायक राजकुमार करहि का। बीजेपी विधायक राजकुमार का आरोप है कि आउटसोर्स की भर्ती में युवा बेरोजगारों से रुपए लिए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार में कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने मुरैना टीआई के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इस सूची में तीसरा नाम भोपाल विधायक रामेश्वर शर्मा का है। उन्होंने भोपाल आरटीओ को हटवाने के लिए मंत्री को चिट्ठी लिखी है। पिछोर से बीजेपी विधायक प्रीतम लोधी तो इतने दु:खी हैं कि उन्होंने इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली है। माननीय का कहना है कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
पढ़िए 'द सूत्र' की यह खास रिपोर्ट...
1. भ्रष्टाचार से लांजी विधायक खफा
बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राजकुमार करहि ने बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में आउटसोर्स भर्ती में युवा बेरोजगारों से रुपए मांगे जा रहे हैं। बाहरी प्रदेशों की निजी कंपनियां युवाओं से भर्ती के नाम पर दो-दो लाख रुपए ले रही हैं। विधायक का कहना है कि पिछले दिनों स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा विभाग में आउटसोर्स पर युवाओं को भर्ती किया गया है। अब राजस्व विभाग और महिला बाल विकास विभाग में आउटसोर्स पर भर्तियां होना है। इसी को लेकर युवाओं से भारी भरकम राशि मांगी जा रही है। उन्होंने यह मामला विधानसभा में उठाने की बात कही है।
2. क्या वास्तव में इस्तीफा देंगे प्रीतम लोधी?
प्रीतम लोधी शुरुआत से बीजेपी के लिए गले की फांस बने रहे हैं। अब उन्होंने एक बार फिर इस्तीफा देने की धमकी दे डाली है। इस बार उनकी नाराजगी एक खास वर्ग को लेकर है, जिस पर उन्होंने खुद को टारगेट करने का आरोप लगाया है। दरअसल, प्रीतम ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर पिछोर विधानसभा क्षेत्र में उन पर की जा रही जातिगत टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने वीडियो में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जो बात कही जा रही है, उसे पूर्व विधायक कांग्रेस नेता केपी सिंह से जोड़कर देखा जा रहा है। वायरल वीडियो में प्रीतम लोधी एक होमगार्ड सैनिक के बारे में बात कर रहे हैं। दरअसल, पिछोर के मायापुर के सालौरा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में होमगार्ड जवान लोधी समर्थक एक युवक की पिटाई करते हुए विधायक प्रीतम लोधी का नाम लेकर उन पर तथा उनकी जाति पर तंज कस रहा है।
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3. आरटीओ से खफा हैं रामेश्वर शर्मा
राजधानी भोपाल में विधायक रामेश्वर शर्मा और RTO जितेंद्र शर्मा के बीच विवाद गहराता जा रहा है। विधायक ने परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने आरटीओ जितेन्द्र शर्मा को हटाए जाने मांग की है। विधायक का आरोप है कि जितेंद्र शर्मा ने नियुक्ति से लेकर आज तक कोई काम संतोषजनक रूप से नहीं किया गया है। आपको बता दें कि जितेंद्र शर्मा को अतिरिक्त प्रभारी बनाया गया है। आरोप है कि एजेंटों और कियोस्क संचालकों को उनकी कार्यप्रणाली रास नहीं आ रही है। वाहन ट्रांसफर, ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस आदि के आवेदन रोके जा रहे हैं।
4. टीआई बोले- मंत्री को कैसे खुश कर दूं
कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना भी पुलिस से खफा हैं। उनकी नाराजगी इतनी है कि सूबे के मुखिया डॉ.मोहन यादव तक शिकायत कर चुके हैं। उनका दावा है कि सीएम ने इस मामले में खुफिया जांच बैठा दी है। मंत्री कंसाना ने इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस के काम पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि मुरैना टीआई आलोक सिंह परिहार रिश्वत लेकर झूठे मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उनका आरोप है कि मुरैना टीआई का व्यवहार ठीक नहीं है। वह पैसे लेने के बाद भी लोगों को परेशान करते हैं। टीआई झूठे मुकदमे दर्ज करते हैं। मेरे समक्ष उनके द्वारा द्वेष भाव से दर्ज किए कई झूठे केस आ चुके हैं। वहीं, इस मामले में सिटी कोतवाली टीआई आलोक सिंह परिहार का कहना है कि कृषि मंत्री अगर मुझसे नाराज हैं तो मैं उन्हें कैसे खुश करूं। वह बड़े आदमी हैं। मैं अपनी नौकरी कर रहा हूं।
द सूत्र नजरिया...
सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से चार इलाकों के ये प्रकरण चंद उदाहरण हैं। जमीन पर चुने हुए जनप्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही है, वे असहाय और लाचार से नजर आ रहे हैं। ऐसे में आम आदमी की तो बिसात ही क्या होगी? एक दिन पहले मंदसौर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग जमीन पर लोट लगाते हुए नजर आ रहा है। मसला, यह था कि उनकी फरियाद कोई सुन नहीं रहा था, लिहाजा... विरोध में उन्हें जमीन पर लेटकर प्रदर्शन करना पड़ा। कुल मिलाकर सूरत बदलने के लिए असल काम की जरूरत है। सिस्टम को सुधारने के लिए सिर्फ सरकार को दोष देना काफी नहीं है, हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करे।