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संदीप चौरसिया @ पिपरिया
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता और उसके भाई ने बीमा राशि के लालच में अपने जीवित बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा दिया। यह सुनकर शायद आपको यकीन न हो, लेकिन इस तरह की अजीबोगरीब घटना ने स्थानीय पंचायत और बीमा कंपनी के अधिकारियों को चौंका दिया। यह मामला तब सामने आया जब एक गाँव के निवासियों ने इस धोखाधड़ी के बारे में सूचना दी, और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया।
जिंदा है नर्मदा, लेकिन प्रमाणपत्र में उसकी मौत
10 अप्रैल 2025 को ग्राम पंचायत उमरधा के तत्कालीन सचिव ओमप्रकाश पटेल को राजेंद्र कुशवाहा और उनके भाई हल्के कुशवाहा ने सूचित किया कि उनके बेटे नर्मदा कुशवाहा की मौत हो चुकी है। वहीं बिना किसी जांच के ओमप्रकाश पटेल ने दो दिनों के भीतर, 12 अप्रैल 2025 को नर्मदा का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। इस प्रमाणपत्र को लेकर बीमा कंपनी में गलत तरीके से दावा किया गया, हालांकि नर्मदा कुशवाहा जिंदा था।
जानें कैसे खुला धोखाधड़ी का मामला
29 अगस्त 2025 को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अधिकारी ग्राम उमरधा पहुंचे और जांच शुरू की। उन्होंने पाया कि नर्मदा कुशवाहा की मौत नहीं हुई थी। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने पंचनामा तैयार किया और मामले को संज्ञान में लिया। इसी दौरान, उमरधा पंचायत के सरपंच के पिता महेन्द्र सिंह जूदेव ने बनखेड़ी थाने में मामले की जानकारी दी। हालांकि, थाना प्रभारी ने विभागीय जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही।
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की खबर पर एक नजर
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नियमों की अनदेखी, लेकिन गवाही मिल गई
राजेंद्र कुशवाहा ने बीमा अधिकारियों के सामने यह स्वीकार किया कि उसने पंचायत से नर्मदा की मृत्यु का प्रमाणपत्र बनवाया था। इसमें कहा गया कि नर्मदा की मृत्यु पिपरिया के हथवास पंचायत में हुई थी। लेकिन यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ थी, क्योंकि मृत्यु प्रमाणपत्र उसी पंचायत से जारी होता है जहाँ मृत्यु हुई हो। इसके बावजूद, ओमप्रकाश पटेल और आपरेटर नारायण ने इस नियम की अनदेखी की।
नर्मदा कुशवाहा की दर्दनाक स्थिति
नर्मदा कुशवाहा की जिंदगी में एक और दुखद पहलू है। एक ट्रैक्टर दुर्घटना में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसके कारण वह बिस्तर पर ही जीवन बिता रहा है। कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से बेकार हो गया है। इस गंभीर स्थिति में, नर्मदा अपनी विकलांगता और जिंदा होने के बावजूद इस झूठे दावे के कारण कानूनी झंझटों में फंसा हुआ है।
सरपंच के पिता का बयान
उमरधा पंचायत के सरपंच के पिता महेन्द्र सिंह जूदेव ने बताया कि मामला गंभीर था और जैसे ही हमें जानकारी मिली, हमने भारतीय जीवन बीमा कंपनी और श्रीराम फायनेंस कंपनी को सूचित किया। उन्होंने आगे बताया कि जांच टीम बनाई गई है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
जांच टीम बनवाकर मांगी रिपोर्ट
बनखेड़ी जनपद पंचायत रीना कुम्हारिया ने बताया कि मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। जांच टीम बनवाकर रिपोर्ट मांगी है। जो दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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नर्मदापुरम न्यूज