वन विभाग के मुखिया का राज्य शासन को पत्र, कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, कैसे रोकेंगे रेत माफिया को

वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने शासन को पत्र लिखकर पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की बात कही है। इसके अलावा बताया कि वन विभाग के गश्ती दल पर हमला करने वालों पर अब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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Deeksha Nandini Mehra
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Forest Department Chief Wrote Letter to State Government : मुरैना में रेत माफियाओं के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है। पुलिस भी इसे लगातार नजरअंदाज कर रही है। इसकी मौजूदा स्थिति वन विभाग के प्रमुख असीम श्रीवास्तव ( Forest Force Chief Aseem Srivastava ) द्वारा शासन को लिखे एक पत्र से उजागर हुई है। इस पत्र में वन बल प्रमुख ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए है।

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वन विभाग को नहीं दी रिपोर्ट

पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने राज्य शासन को पत्र लिखकर बताया है कि 13 जून 2021 को मुरैना के अमोलपुरा गांव में अवैध रेत का ट्रैक्टर-ट्रॉली के मामले में जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट तीन साल बाद भी वन विभाग को नहीं दी गई है। अवैध रेत खनन करने वाले और वनरक्षकों पर जानलेवा हमला करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया।

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बिना अभियोजन स्वीकृति के चार्जशीट दायर

पत्र में वन विभाग के मुखिया ने लिखा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के कर्तव्य निर्वहन के दौरान कोई घटना होती है, तो उसके खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पुलिस को CRPC की धारा 197 के तहत चार्जशीट दायर करने से पहले संबंधित विभाग या शासन से अभियोजन स्वीकृति लेना अनिवार्य है। लेकिन पुलिस ने बिना अभियोजन स्वीकृति के ही वन विभाग के 7 फॉरेस्ट गार्ड और एक सुरक्षा श्रमिक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी। 

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वैधानिक कार्रवाई और शासन स्तर से समन्वय

पत्र में असीम श्रीवास्तव ने लिखा है कि मुरैना जिले में राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी से अवैध रेत खनन एक संगठित आपराधिक गतिविधि है। जिस पर कंट्रोल के लिए पुलिस एवं वन विभाग के समन्वय से संयुक्त कार्रवाई की जरूरत है। पुलिस थाना नगरा की ओर से अमोलपुरा की घटना के मामले में की गई कार्रवाई से वन अमले का मनोबल गिरा है। इस कारण अवैध खनन रोकने की कार्रवाई में जाने से वन विभाग के कर्मचारी डरे हुए हैं। इसलिए पुलिस मुख्यालय से समन्वय स्थापित कर इस मामले में वैधानिक कार्रवाई कराने के लिए शासन स्तर से समन्वय की किया जाना चाहिए।

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