/sootr/media/media_files/2025/07/18/madhya-pradesh-promotion-recruitments-75000-jobs-annually-2025-07-18-19-28-37.jpg)
Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी के इंतजार में बैठे लाखों युवाओं के लिए खुशखबरी है। अभी प्रदेश के 14 बड़े विभागों में 1 लाख 2 हजार 61 पद खाली हैं। अगर प्रमोशन का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया तो अगले 4-5 सालों में हर साल औसतन 75 हजार पदों पर भर्तियां होंगी। प्रमोशन में पेच फंसा भी रहा तो भी सरकार हर साल करीब 30 हजार पदों पर भर्ती की तैयारी कर रही है।
फिलहाल सरकार ने 2024 के भर्ती कैलेंडर के मुताबिक करीब 27 हजार पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी बीच 2025 में करीब 25 हजार कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। प्रमोशन का मामला सुलझने के बाद करीब 2 लाख नए पद तैयार होंगे। यानी पहले से खाली पद, नई रिक्तियां और प्रमोशन से खाली होने वाले पद मिलाकर प्रदेश में कुल 2 लाख 25 हजार पदों की वैकेंसी निकलेगी। सरकार इन्हें हर साल एक तय मानक के हिसाब से भरेगी।
मौजूदा प्लानिंग के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो हर साल कम से कम 75 हजार युवा सरकारी नौकरी पा सकते हैं। इसके लिए औसत 30 हजार पदों पर सामान्य भर्तियां और बाकी प्रमोशन के चलते खाली हुए पदों को भरा जाएगा।
पिछले पांच साल का लेखा-जोखा
प्रदेश में वर्ष 2020 से 2024 तक 69,550 पद खाली हुए। इसके मुकाबले 68,777 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुए और इनमें से 43,735 पदों के रिजल्ट आए। 2024 की भर्ती में अब तक 3,389 पदों के नतीजे घोषित हुए हैं, जबकि 10,459 पदों का रिजल्ट अभी बाकी है। 2021 कोरोना की वजह से खाली ही गया। उस साल कोई भर्ती नहीं हो सकी थी। अब 2025 के लिए 25,472 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनमें से फिलहाल 13,089 पदों पर ही भर्ती आगे बढ़ पाई है।
ये भी पढ़ें... इंदौर के दो 90 डिग्री वाले ब्रिज को देखने पहुंचे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, PWD का झूठ खुला
सबसे ज्यादा खाली पद इन्हीं विभागों में
|
9 साल बाद आई नई प्रमोशन पॉलिसी
प्रदेश में प्रमोशन को लेकर मामला साल 2016 से अटका हुआ था। वजह थी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होना। सरकार ने तब एसएलपी दायर की थी, जिससे प्रमोशन रुक गया था। जून 2025 में मुख्यमंत्री मोहन सरकार ने नई पदोन्नति नीति लागू कर दी है। इसमें आरक्षण का प्रावधान भी जोड़ा गया।
हालांकि सपाक्स संघ ने इस नई नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता सुयश मोहन गुरु का कहना है कि प्रमोशन में आरक्षण देना संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कोर्ट से इस पर स्टे मांगा था। सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि फिलहाल नए नियमों के तहत प्रमोशन में आरक्षण लागू नहीं करेंगे, लेकिन इसके लिए थोड़ा वक्त दिया जाए।
ये भी पढ़ें... MP News: प्रमोशन में आरक्षण : 2002 और 2025 के नियमों में क्या है अंतर? सरकार ने तैयार की रिपोर्ट
कई अधिकारी बिना प्रमोशन रिटायर
पिछले 9 साल में प्रदेश में एक लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी प्रमोशन का इंतजार करते-करते रिटायर हो चुके हैं। सरकार ने इनमें से कई को क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान देकर प्रमोशन जैसा वेतन तो देना शुरू कर दिया, लेकिन दिक्कत यह है कि उन्हें प्रमोशन का लाभ जमीन पर नहीं मिल पा रहा। जैसे पुलिस विभाग में कई टीआई को डीएसपी बना दिया गया, लेकिन उन्हें डीएसपी वाली सुविधाएं तक नहीं दी जा रहीं।
अभी क्यों अटका है मामला?
हाईकोर्ट ने फिलहाल प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा रखी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से पूछा कि 2002 के पुराने नियम और 2025 के नए नियमों में क्या फर्क है? सरकार इसका साफ जवाब नहीं दे पाई। ऐसे में कोर्ट ने नए नियमों को लागू करने से रोक दिया। अब सरकार की कोशिश है कि कोर्ट में ठोस जवाब देकर प्रमोशन पॉलिसी को लागू करवा दिया जाए, ताकि विभागों में प्रमोशन रुके नहीं और खाली पदों पर नई भर्तियां हो सकें। बेरोजगार
ये भी पढ़ें... सरकारी नौकरी की है तलाश, तो बिहार पुलिस भर्ती में करें आवेदन, 21 जुलाई से आवेदन होंगे शुरू
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩