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Bhopal, Ravan Dahan: इस साल मध्यप्रदेश में विजयादशमी का पावन पर्व जो बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है ऐतिहासिक होने जा रहा है।
राजधानी भोपाल समेत इंदौर, धार्मिक नगरी उज्जैन और सांस्कृतिक केंद्र ग्वालियर में आज 2 अक्टूबर को रावण दहन की भव्य तैयारियां जोरों पर हैं। इस साल के आयोजनों में एक विशेष आकर्षण देखने को मिल रहा है।
जहां भोपाल और ग्वालियर में सदियों पुरानी परंपरा और रावण के पुतले की ऊंचाई पर जोर दिया गया है, वहीं इंदौर और उज्जैन में रावण दहन को देशप्रेम का रंग दिया गया है। लाखों लोग इन आयोजनों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव देख सकेंगे।
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भोपाल में दशहरा महोत्सव की 79 साल पुरानी परंपरा
भोपाल में दशहरे का उत्साह शहर के हर कोने में दिखाई दे रहा है। कोलार, छोला, शाहजहांनाबाद, नेहरू नगर, करोंद, अवधपुरी, भेल, टीटी नगर, जहांगीराबाद, कलियासोत और एमपी नगर सहित 10 से अधिक स्थानों पर भव्य दशहरा महोत्सव आयोजित किए जाएंगे।
छोला दशहरा मैदान, 79 वर्षों की विरासत
पुतले की ऊंचाई: 51 फीट ऊंचा रावण और 45 फीट ऊंचे कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले।
परंपरा: यह आयोजन करीब 79 वर्षों से मनाया जा रहा है, जो इसे भोपाल की सबसे पुरानी दशहरा परंपराओं में से एक बनाता है।
शोभायात्रा और कार्यक्रम: दोपहर 2 बजे बांके बिहारी मंदिर से भव्य चल समारोह निकलेगा और रात 8:30 बजे रावण दहन होगा।
आकर्षण: चल समारोह में नासिक ढोल पार्टी, पुलिस बैंड, अखाड़ा दल के करतब और नृत्य मंडलियों की प्रस्तुतियां मुख्य आकर्षण होंगी।
अतिथि: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है।
कोलार का 105 फीट ऊंचा रावण
स्थान: कोलार के बंजारी दशहरा मैदान।
ऊंचाई: यहां 105 फीट ऊंचा रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार किए गए हैं।
बता दें कि, राजस्थान से आए कलाकार पिछले 18 वर्षों से इन पुतलों का निर्माण कर रहे हैं। यह आयोजन पिछले 22 सालों से हो रहा है।
एमपी नगर में नशासुर का दहन
स्थान: गायत्री शक्तिपीठ, एमपी नगर।
थीम: यहां शराब, सिगरेट और नशे से जुड़े दस व्यसनों को प्रतीकात्मक रूप से दिखाने वाला 'नशासुर' पुतला जलाया जाएगा जो सामाजिक बुराई के अंत का प्रतीक है। यहां सुबह 8 बजे से 24 कुंडीय यज्ञ और नशा मुक्ति प्रदर्शनी भी लगेगी।
राजपूत समाज का शस्त्र पूजन
मप्र राजपूत समाज द्वारा 2 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे चार इमली स्थित महाराणा प्रताप भवन में शस्त्र पूजन और प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित होगा।
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इंदौर और उज्जैन, रावण दहन में देशप्रेम की झलक
इंदौर और उज्जैन में इस वर्ष रावण दहन को वर्तमान राष्ट्रीय घटनाओं और देशप्रेम से जोड़ा गया है, जिससे यह आयोजन और भी प्रासंगिक हो गया है।
इंदौर में 111 फीट के रावण और भव्य शोभायात्रा
इंदौर के दशहरा मैदान और चिमनबाग मैदान पर। दोनों स्थानों पर 111 फीट ऊंचा रावण दहन किया जाएगा। 250 फीट की लंका तैयार की गई है।
रावण दहन से पहले प्रताप चौराहा से दशहरा मैदान तक भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जिसमें रामजी और हनुमानजी के वेश में युवा शामिल होंगे। रावण दहन से पहले राम-रावण युद्ध और उसके बाद विशाल आतिशबाजी होगी।
चिमनबाग मैदान
यहां भी 111 फीट का रावण जलेगा। उषागंज हाई स्कूल मैदान पर 25 फीट लंबा और 16 फीट चौड़ा जटायु 51 फीट ऊंचे रावण से युद्ध करेगा, जो बुराई पर विजय का एक नया आयाम है।
उज्जैन, आतंकी रावण और ब्रह्मोस मिसाइल
उज्जैन के दशहरा मैदान पर इस वर्ष का रावण का स्वरूप आतंकवादी की तरह होगा, जिसके हाथ में बड़ी AK-47 गन दिखाई देगी। यह पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर की झलक प्रस्तुत करेगा।
101 फीट ऊंचे इस 'आतंकी रावण' का वध प्रतीकात्मक रूप से ब्रह्मोस मिसाइल से किया जाएगा, जो आतंकवाद पर भारत की विजय और सैन्य शक्ति का संदेश देगा। पुतला उज्जैन के कलाकार रामलखन और उनकी 8 सदस्यीय टीम ने 20 दिनों में तैयार किया है।
ग्वालियर, फूलबाग पर 79 साल पुराना भव्य आयोजन
ग्वालियर में रावण दहन के तीन मुख्य स्थान हैं, जिनमें फूलबाग ग्वालियर का आयोजन सबसे बड़ा और पुराना है। फूलबाग का ऐतिहासिक मैदान, थाटीपुर दशहरा मैदान और डीडी नगर रामलीला मैदान।
यहां 60 फीट का रावण और 55 एवं 50 फीट के मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे। यहां पिछले 79 वर्षों से रावण दहन की परंपरा चली आ रही है।
पहले यह आयोजन छत्री मैदान पर होता था। 20 कारीगर पिछले 15 दिनों से लगातार पुतलों के निर्माण में जुटे हैं, जिससे उनकी भव्यता सुनिश्चित की जा सके। हर साल हजारों की संख्या में लोग यहां पुतला दहन देखने पहुंचते हैं।
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