गर्मी की शुरुआत में ही मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों का सूखना एक चिंताजनक संकेत है। राजगढ़ जिले की पांच नदियां पहले ही सूख चुकी हैं और अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर है। राज्य सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत करने का फैसला किया है ।
किस नदी का है सबसे बुरा हाल
अजनार नदी (Ajnar River)
राजगढ़ जिले की प्रमुख नदी अजनार, जो कभी राजस्थान तक जल पहुंचाती थी, अब अपने उदगम स्थल आंदलहेड़ा गांव में ही सूख गई है। नदी का पाट सकरा हो चुका है और अंधाधुंध जल दोहन से यह हालात बने हैं।
ये खबर भी पढ़िए... विधायक पन्नालाल शाक्य का बड़ा बयान, नहीं करुंगा किसी भी हाल में समझौता
पार्वती नदी (Parvati River)
पीलूखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पार्वती नदी गर्मी की शुरुआत में ही सूख गई। यहां से जल आवर्धन योजना के तहत गांवों को पानी दिया जाता था, लेकिन अब आधे गांव को ही जल मिल पा रहा है।
ये खबर भी पढ़िए... 1 अप्रैल से सस्ती मिलेगी शराब , इस बड़ी शराब कंपनी के पव्वा पर लगा बैन
नेवज नदी (Newaj River)
नेवज नदी पर बना मोहनपुरा डैम भले ही डूब क्षेत्र में पानी बनाए रखता है, लेकिन डैम के नीचे का हिस्सा पूरी तरह सूख चुका है। कई जगहों पर नदी के अंदर ईंट भट्टे चल रहे हैं, और किनारे अवैध निर्माण हो चुके हैं।
ये खबर भी पढ़िए... 1 अप्रैल से बदलेंगे नियम, आम आदमी के जेब पर पड़ेगा असर, जानें क्या होंगे बदलाव
गाढ़गंगा नदी (Gadhganga River)
खिलचीपुर की यह नदी हर साल गर्मियों में सूख जाती है। गहरीकरण और संरक्षण के प्रयास न होने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। हाल ही में शाही स्नान जैसे आयोजन के लिए डेम से जबरन पानी लाना पड़ा।
ये खबर भी पढ़िए... मंडी प्रशासन ने पकड़े अनाज के ओवरलोडिंग 61 ट्रक, जिम्मेदार खामोश
कालीसिंध नदी (Kalisindh River)
सारंगपुर क्षेत्र की जीवनदायिनी मानी जाने वाली इस नदी का हाल भी बेहाल है। शहर का गंदा पानी इसमें जा रहा है और पेयजल फिल्टर प्लांट तक में पानी की कमी हो रही है। कुंडालिया डैम है, लेकिन उसका जल यहां तक नहीं पहुंचता।
नदी संरक्षण क्यों ज़रूरी है?
✅ सूखी नदियों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता है।
✅ सिंचाई की व्यवस्था चरमराती है जिससे कृषि उत्पादन पर असर पड़ता है।
✅ भूजल स्तर तेजी से गिरता है, जिससे हैंडपंप और कुएं सूख जाते हैं।
✅ बर्बाद होती जैव विविधता, मछलियों और नदी किनारे के पारिस्थितिक तंत्र पर खतरा।