कमरा छोड़कर आए हैं, फिर से डेरा डालना है... मोहन भागवत ने पाकिस्तान वापस लेने को लेकर कह दी बड़ी बात

डॉ. मोहन भागवत ने मध्यप्रदेश के सतना में बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नए भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हम सभी सनातनी और हिंदू हैं। अंग्रेजों ने हमारे बीच फूट डाली है।

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Dablu Kumar
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SATNA. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मध्यप्रदेश के सतना पहुंचे। जहां उन्होंने बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संघ प्रमुख ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी एक हैं। हम सभी सनातनी और हिंदू हैं। हमारे बीच एक अंग्रेज ने फूट डाली है।

वापस पाकिस्तान में डालना है डेरा

आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि बंटवारे के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान नहीं गए। वे अविभाजित भारत आए, मुझे इस बात की खुशी है। जो हम घर का कमरा छोड़कर आए हैं। कल वापस लेकर फिर से डेरा डालना है।

भाषा विवाद पर बोलते हुए आरएसएस चीफ मोहन भागवत कहा कि भाषाएं अनेक हो सकती हैं, लेकिन उनका भाव एक ही होता है। हर भाषा मूल भाषा से ही निकली है। वे सभी भारत की राष्ट्र भाषाएं हैं। डॉ. भागवत ने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक को कम से कम तीन भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए- घर, राज्य और राष्ट्र की भाषा आनी चाहिए।

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मोहन भागवत के पाकिस्तान वापस लेने वाली खबर पर एक नजर

  • डॉ. मोहन भागवत का सतना दौरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सतना के बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नए भवन का उद्घाटन किया।

  • समानता का संदेश: उन्होंने सभा में कहा कि हम सभी एक हैं, सनातनी और हिंदू हैं, और अंग्रेजों ने हमें एक-दूसरे से अलग किया है।

  • सिंधी समाज का योगदान: डॉ. भागवत ने कहा कि विभाजन के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान नहीं गए, बल्कि अविभाजित भारत में आए, और यह गर्व की बात है।

  • भाषाई एकता का महत्व: उन्होंने भाषाओं की विविधता पर कहा कि हर भाषा भारत की राष्ट्र भाषाएं हैं और प्रत्येक नागरिक को तीन भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए।

  • आध्यात्मिक एकता की आवश्यकता: डॉ. भागवत ने कहा कि हमें अपने अहंकार को छोड़कर, अपने धर्म से समझौता किए बिना एकता की ओर बढ़ना चाहिए।

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टूटा दर्पण दिखाकर अलग किया गया

इस अवसर पर बीटीआई ग्राउंड में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी एक हैं, सभी सनातनी और हिंदू हैं। लेकिन एक अंग्रेज आया और टूटा हुआ दर्पण दिखाकर हमें अलग-अलग कर दिया। आज हमें उस अच्छे दर्पण को देखने की आवश्यकता है, जिससे हम एकजुट हो सकें। यदि हम अपनी आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे, तो हमें एकता ही दिखाई देगी। यह दर्पण हमें हमारे गुरु दिखाते हैं।

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अपना अहंकार छोड़कर स्वयं को देखना चाहिए

डॉ. मोहन भागवत ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपना अहंकार छोड़कर स्वयं को देखना चाहिए। काम की इच्छा की पूर्ति के लिए हमें अपने धर्म से समझौता नहीं करना चाहिए। यदि हम देश के स्व को लेकर आगे बढ़ेंगे, तो सारे स्व सध जायेंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास जी महाराज, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, भोपाल के विधायक भगवान दास साबनानी, जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी, साधु संत और शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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