भोपाल की झील में होगी श्रीनगर जैसी शिकारा राइड, जल्द ही आएंगे १० और शिकारे

भोपाल में जल्द ही कश्मीरी शिकारे की सवारी का आनंद लिया जा सकेगा। मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने बड़े तालाब पर 10 शिकारे मंगवाए हैं, जो अब बोट क्लब में हैं। इसके अलावा और 10 शिकारे भी जल्द यहां पहुंचने वाले हैं।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में अब शीघ्र ही कश्मीरी शिकारे का आनंद लिया जा सकेगा। बड़े तालाब पर जल्द ही श्रीनगर की डल झील जैसी शिकारा राइड शुरू होने वाली है। मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने इसके लिए 10 शिकारे मंगवा लिए हैं, जो बोट क्लब पर रखे गए हैं। आने वाले दिनों में और 10 शिकारे भी यहां लाए जाएंगे। इसके अलावा पर्यटन निगम ने यहां पाल नौका चलाने की भी योजना बनाई है।

एनजीटी की रोक और पर्यटन निगम की पहल

जुलाई 2023 में, डीजल से चलने वाले मोटर बोट और क्रूज पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण को देखते हुए रोक लगा दी थी। इस आदेश के बाद बोट क्लब पर पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई थी। इन परिस्थितियों में मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने स्थिति को बेहतर बनाने के लिए पैडल बोट और साइकिल बोट का संचालन शुरू किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में अब शिकारा राइड की शुरुआत की जा रही है। पर्यटन निगम के एमडी डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि, "सीएम की मंशा के अनुसार हम कश्मीरी शैली में शिकारे चलाएंगे। वर्तमान में मंगाए गए शिकारे का डेकोरेशन किया जा रहा है और इस महीने के अंत तक इन्हें शुरू करने की योजना है।"

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शिकारा राइड की शुरुआत और व्यवस्थाएं

यह पहल एक साल पहले 13 जून 2024 को शुरू की गई थी, जब नगर निगम ने एक शिकारे का संचालन बड़े तालाब में किया था। अब, पर्यटन विभाग ने 10 शिकारे मंगवाए हैं और जल्द ही 10 और शिकारे आने की योजना है। हालांकि, शिकारा राइड के किराये, संचालन के समय, और एक शिकारे में कितने लोग बैठ सकते हैं, इन सभी बातों पर अभी निर्णय लिया जाना बाकी है।

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एनजीटी द्वारा प्रदूषण को लेकर लगाए गए प्रतिबंध

एनजीटी द्वारा प्रदूषण के कारण लगाए गए प्रतिबंध के बाद, भोपाल के बड़े तालाब पर पर्यटकों की संख्या में लगभग 70% की गिरावट देखी गई थी। पहले यहां पर रोजाना लगभग 80 मोटर बोट और एक क्रूज पर्यटकों को झील के दौरे पर ले जाते थे। लेकिन, डीजल इंजन द्वारा पैदा होने वाले प्रदूषण और जलीय जीवन को होने वाले नुकसान के कारण इन सेवाओं को बंद करना पड़ा।

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प्रदूषण रहित शिकारा राइड

शिकारे को पूरी तरह मैनुअल रूप से चलाया जाएगा, जो पर्यावरण के लिए एक सुरक्षित विकल्प साबित होगा। इस प्रकार, शिकारे से कोई प्रदूषण नहीं होगा, जिससे झील का पानी स्वच्छ और सुरक्षित बना रहेगा। पर्यटन निगम ने इसे एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है, जो स्थानीय जलीय जीवन को भी नुकसान नहीं पहुँचाएगा।

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क्या खास होगा शिकारा राइड में?

शिकारे की सजावट पारंपरिक कश्मीरी शैली में की जाएगी, जो पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी। यह राइड शांत और प्रदूषण रहित होगी, जिससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। बोट क्लब से झील के मुख्य हिस्सों तक सुंदर सफर का अनुभव होगा। प्रारंभिक किराया कम रखा जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका आनंद ले सकें।

मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने बड़े तालाब पर कश्मीरी शिकारा राइड शुरू करने की तैयारी की है। यह राइड प्रदूषण से मुक्त होगी, जिससे पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलेगा।

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