अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 4 करोड़ का गांजा, 52 बम और हथियार बरामद, 4 अरेस्ट

एसटीएफ ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाकर अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी और वन्य जीवों के शिकार से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश किया। अभियान के दौरान 940 किलो गांजा बरामद हुआ है। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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Neel Tiwari
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मध्य प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अवैध मादक पदार्थ तस्करी और वन्य जीवों के शिकार से जुड़े एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। जबलपुर एसटीएफ इकाई द्वारा डिंडौरी जिले के पड़रिया साकल वन क्षेत्र में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान 940 किलो गांजा, 52 विस्फोटक बम, 8 धारदार चाकू, और वन्य जीवों के शिकार में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। इस दौरान मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जब्त किए गए गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए है।

एसटीएफ डीजी के निर्देश पर अवैध मादक पदार्थों के विक्रय और वन्य जीव अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह सफलता मिली है। विशेष पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ) पंकज कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर जबलपुर एसटीएफ इकाई ने 5 विशेष टीमें बनाकर इस अभियान को अंजाम दिया।

महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मिली अहम जानकारी

इस अभियान की शुरुआत महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से हुई थी, जहां पुलिस ने एक आरोपी को टाइगर की खाल के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसकी गैंग के कुछ सदस्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में टाइगर के शिकार, उसके अंगों की तस्करी और गांजे के अवैध व्यापार में लिप्त हैं। गिरोह के सदस्य कटनी, मंडला और डिंडौरी के घने जंगलों में अस्थायी ठिकाने बनाकर रहते थे। इस इनपुट के आधार पर एसटीएफ की 5 विशेष टीमों ने करीब 10 दिनों तक इन क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया।  इसके तहत डिंडौरी के शहपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़रिया साकल गांव में छापेमारी की गई, जहां से भारी मात्रा में गांजा और अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई।

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अंतरराज्यीय गिरोह का हुआ पर्दाफाश

पूछताछ में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह न केवल मादक पदार्थों की तस्करी बल्कि वन्य जीवों के अवैध शिकार और अंगों की तस्करी में भी सक्रिय था। एसटीएफ भोपाल के एसपी राजेश सिंह भदोरिया ने बताया कि गिरोह के सदस्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती वन क्षेत्रों में शिकार करते थे और जंगलों का इस्तेमाल छिपने और अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए करते थे। इस गिरोह के सदस्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जंगलों में फैले हुए हैं, और एसटीएफ अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इनकी तलाश में जुटी है।

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हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद

मध्य प्रदेश एसटीएफ, जिला पुलिस डिंडौरी और स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स के संयुक्त अभियान में कटनी, मंडला और डिंडौरी के वन क्षेत्रों में छापेमारी कर 940 किलो गांजा (कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए) बरामद किया गया। साथ ही, 52 विस्फोटक बम, 8 बड़े धारदार चाकू, शिकार के उपकरण (फंदे, रस्सियां, जाल) और 12 दोपहिया वाहन भी जब्त किए गए। कार्रवाई के दौरान 4 आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी मिली है। गिरोह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थ तस्करी और वन्य जीवों के अवैध शिकार में सक्रिय है। एसटीएफ द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी है और जल्द ही और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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इस टीम ने दिया ऑपरेशन को अंजाम

जबलपुर एसटीएफ इकाई के प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में एसटीएफ, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स और जिला पुलिस डिंडौरी की टीमों ने अहम भूमिका निभाई। अभियान में विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों में सहायक उप निरीक्षक (एसटीएफ) शैलेन्द्र सोनी, आरक्षक नीलेश दुबे, निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर, उप निरीक्षक पंकज सिंह बिष्ट, मुनेन्द्र कौशिक, गोपाल विश्वकर्मा, प्रमुख आरक्षक संपूर्णानंद, विनय कौरी, निर्मल सिंह पटेल, गजेन्द्र बागरी, राजन पाण्डेय, मनीष तिवारी, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (वन विभाग) के शुभम मिश्रा, जगदीश प्रसाद, सुदीप मिश्रा, मनीष पटेल और जिला पुलिस डिंडौरी से निरीक्षक शिवलाल, उप निरीक्षक मनीराम, एसडीओपी शहपुरा मरावी, उप निरीक्षक ताकेश्वरी मुकेश अविद्रा शामिल थे। इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने दुर्गम वन क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों के बावजूद साहसिक भूमिका निभाते हुए इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आगे हो सकते है और भी खुलासे

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, जिससे और महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। एसटीएफ, जिला पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मिलकर इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत हैं। इस कार्रवाई ने न केवल अवैध मादक पदार्थों के तस्करों को बड़ा झटका दिया है, बल्कि वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।

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