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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के 123वें एपिसोड में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की सुमा उइके जी के प्रेरक सफर का जिक्र किया।
भारत में मशरूम की खेती का ट्रेंड धीरे धीरे बढ़ रहा है। PM मोदी ने भारत में मशरूम खेती के विस्तार के बारे में बताया। अगर आप भी इस वाइट रेवोलुशन का हिस्सा बनकर मोटी कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको मशरूम की खेती के बारे में हर जानकारी देंगे।
🌱 मशरूम की खेती
मशरूम एक प्रकार का कवक है, जो पौधों से भिन्न होता है क्योंकि इसमें क्लोरोफिल नहीं होता। यह अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकता और इसलिए यह सड़ी-गली चीजों या अन्य पौधों पर उगता है।
मशरूम की खेती नियंत्रित वातावरण में की जाती है, जिससे इसकी पैदावार और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। भारत में, सरकार और विभिन्न कृषि संगठन मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान कर रहे हैं।
🍄 मशरूम की खेती के प्रकार
⚪ बटन मशरूम
यह भारत में सबसे लोकप्रिय और व्यावसायिक रूप से उगाया जाने वाला मशरूम है। इसे उगाने के लिए ठंडे तापमान (15-25°C) की आवश्यकता होती है, इसलिए इसकी खेती आमतौर पर सर्दियों में या एयर-कंडीशन वाले कमरों में की जाती है।
इसका उपयोग पिज्जा, सूप और विभिन्न सब्जियों में बड़े पैमाने पर होता है।
🦪 ऑयस्टर मशरूम
यह मशरूम विभिन्न रंगों में आता है और इसे उगाने के लिए मध्यम तापमान (20-30°C) की आवश्यकता होती है। यह आसानी से उगाया जा सकता है और इसकी खेती के लिए पुआल, भूसा और अन्य कृषि अपशिष्टों का उपयोग किया जाता है। यह अपने अद्वितीय स्वाद और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
🥛 मिल्की मशरूम
यह मशरूम मुख्य रूप से दक्षिण भारत में उगाया जाता है और इसे गर्म तथा ह्यूमिड क्लाइमेट (25-35°C) पसंद है। इसका आकार बड़ा होता है और इसकी शेल्फ लाइफ भी अच्छी होती है। यह अपने दूधिया सफेद रंग और स्वादिष्ट स्वाद के लिए पसंद किया जाता है।
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👩🔬 कैसे होती है मशरूम की खेती
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स्थान का चुनाव: एक ऐसा स्थान चुनें जहाँ तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित किया जा सके। यह एक कमरा, शेड या पॉलीहाउस हो सकता है।
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कम्पोस्ट तैयार करना: मशरूम उगाने के लिए कम्पोस्ट (खाद) तैयार करना एक महत्वपूर्ण कदम है। बटन मशरूम के लिए गेहूं का भूसा, जिप्सम और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करके कम्पोस्ट बनाया जाता है, जबकि ऑयस्टर और मिल्की मशरूम के लिए पुआल या अन्य कृषि अपशिष्टों का उपयोग होता है।
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बीजाई (स्पॉनिंग): कम्पोस्ट तैयार होने के बाद, मशरूम के बीज (स्पॉन) को उसमें मिलाया जाता है।
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कम्पोस्ट का फैलाव: स्पॉन मिले कम्पोस्ट को ट्रे या बेड में फैलाया जाता है।
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केसिंग (Casing): बटन मशरूम के लिए, कम्पोस्ट पर मिट्टी की एक परत चढ़ाई जाती है, जिसे केसिंग कहते हैं। यह मशरूम के बढ़ने में मदद करती है।
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फसल कटाई: कुछ हफ्तों के बाद, मशरूम उगना शुरू हो जाते हैं, और उन्हें सावधानी से काटा जाता है।
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🌾 मशरूम की जमीनी खेती
मशरूम की जमीनी खेती में मशरूम को सीधे मिट्टी में नहीं, बल्कि कृषि फ्लुक्सस जैसे भूसा, पुआल या लकड़ी के बुरादे पर उगाया जाता है। यह विधि पोषण का प्रमुख स्रोत होती है और नियंत्रित वातावरण में मशरूम की अच्छी पैदावार सुनिश्चित करती है।
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गेहूं का भूसा: बटन मशरूम के लिए सबसे आम।
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चावल का पुआल: ऑयस्टर और मिल्की मशरूम के लिए उपयुक्त।
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लकड़ी का बुरादा: कुछ विशेष मशरूम जैसे शिटाके के लिए।
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कपास का डंठल, गन्ने की खोई: अन्य कृषि अपशिष्ट जिन्हें सब्सट्रेट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस तरीके से, सब्सट्रेट को पहले पास्चुरीकृत या स्टेरलाइज किया जाता है ताकि अवांछित सूक्ष्मजीवों को खत्म किया जा सके। फिर इसमें मशरूम के बीज (स्पॉन) को मिलाया जाता है और नियंत्रित वातावरण में रखा जाता है ताकि मशरूम mycelium (कवक जाल) विकसित हो सके और अंततः मशरूम फल सकें। यह विधि किसानों के लिए सबसे सुलभ और व्यावहारिक मानी जाती है।
💧 हाइड्रोपोनिक मशरूम खेती
जबकि हाइड्रोपोनिक्स आमतौर पर पौधों को पानी में उगाने से जुड़ा है, मशरूम के संदर्भ में, हाइड्रोपोनिक मशरूम खेती एक उभरती हुई अवधारणा है।
इसमें मशरूम को सीधे पानी में नहीं उगाया जाता, बल्कि इसमें नमी और पोषण का प्रबंधन पारंपरिक सब्सट्रेट विधियों की तुलना में अधिक सटीकता से किया जाता है, अक्सर नियंत्रित जलीय प्रणालियों या अत्यधिक नमी वाले वातावरण का उपयोग करके।
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📈 भारत में मशरूम की खेती का प्रतिशत
भारत में मशरूम की खेती का कोई निश्चित प्रतिशत बताना मुश्किल है क्योंकि यह एक डेन्ट्रलाइज़्ड इंडस्ट्री है। हालांकि, अनुमान है कि लाखों किसान छोटे या बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती से जुड़े हुए हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि सरकार किसानों को इस ओर प्रोत्साहित कर रही है।
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उत्तर प्रदेश: यह भारत में मशरूम का सबसे बड़ा उत्पादक है, खासकर बटन मशरूम का।
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हरियाणा: यह भी मशरूम उत्पादन में एक प्रमुख राज्य है।
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पंजाब: यहां भी मशरूम की अच्छी खासी खेती होती है।
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हिमाचल प्रदेश: ठंडी जलवायु के कारण यहां बटन मशरूम की खेती प्रमुखता से की जाती है।
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महाराष्ट्र: ऑयस्टर और मिल्की मशरूम के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
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तमिलनाडु और केरल: दक्षिणी राज्यों में मिल्की मशरूम की खेती अधिक लोकप्रिय है।
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