शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली, स्कूल का चयन भी हो गया , फिर भी नहीं हुई नियुक्ति

प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के तहत शिक्षकों का चयन कर जिला आवंटन कर स्कूलों का चयन करा लिया गया। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी 882 शिक्षकों को नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया।

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Arvind Sharma
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प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के तहत शिक्षकों का चयन कर जिला आवंटन कर स्कूलों का चयन करा लिया गया। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी 882 शिक्षकों को नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया। पिछले एक साल से यह शिक्षक मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के बंगलों के चक्कर काट रहे है। उसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला।

चयनित शिक्षक को मिल रहा आश्वासन

बीती शाम 10 जुलाई को स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बंगले पर जब चयनित शिक्षक पहुंचे, तो उन्होंने एक शिक्षक को कह दिया कि बेटा तुम भोले लड़के हो। तुम्हे किसी ने बताया कि स्टे हट गया है इसलिए घूम रहे है। चयनित शिक्षकों ने कहा कि साहब अगर आपके विभाग के अधिकारियों के बीच सामंजस्य हो जाए, तो मुझे नौकरी मिल जाएगी। उधर गुरुवार की सुबह 10 बजे वकीलों का दल लेकर ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक राज्यमंत्री कृष्णा गौर के बंगले पर न्याय मांगने पहुंचे। लेकिन वहां भी उन्हें कोरा आश्वासन मिला।

पटवारी और इंजीनियरों को तो ज्वाइनिंग मिली

प्रदेश में ओबीसी वर्ग के 27 फीसद आरक्षण के साथ पटवारी, इंजीनियर और प्राथमिक शिक्षक वर्ग तीन की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की गई थी। इन परीक्षाओं के बाद पटवारी और इंजीनियरों को तो ज्वाइनिंग मिल गई। लेकिन 882 शिक्षकों को नौकरी में चयन के बाद जिला आवंटन कर स्कूल के चयन करा दिया गया। साथ ही दस्तावेजों का सत्यापन भी करा लिया गया। उनको एक साल से नियुक्ति आदेश नहीं दिया जा रहा है।

चयनित शिक्षकों ने बीते रोज स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बाद गुरुवार की सुबह राज्यमंत्री कृष्णा गौर के बंगले पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जीएडी में तीन बार गए लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं मिला। मंत्रालय से लेकर दर्जन भर मंत्रियों के दफ्तर और बंगलों के चक्कर काटने के बाद भी न्याय नहीं मिल रहा है। शिक्षकों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। सरकार ने पहले 27 फीसद ओबीसी आरक्षण के तहत ज्वाइनिंग दी थी। 882 अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश न देने को लेकर कोई कारण भी नहीं बताया जा रहा है।

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मंत्री के बंगले पर बोले शिक्षक: हम अपने आपको टीचर नहीं कह पा रहे

प्राथमिक शिक्षक वर्ग तीन के शिक्षकों ने गुरुवार की सुबह 10 बजे राज्यमंत्री कृष्णा गौर के बंगले पर उनके स्टाफ से कहा कि वह अपने आपको टीचर नहीं कह पा रहे है। सरकार उनको टीचर नहीं मानती है। जबकि उनके साथ अन्य विभागों की परीक्षा हुई थी। उसमें चयनित पटवारी और इंजीनियर काम कर रहे है। कुछ देर बात राज्यमंत्री कृष्णा गौर आई उन्होंने चयनित शिक्षकों के बीच कहा कि मंत्रालय में अधिकारियों से बात करके कुछ न कुछ रास्ता अवश्य निकालेंगे।

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मंत्रालय में आयुक्त के साथ बैठक, मंत्री पांच मिनट मिलने के बाद निकले

चयनित शिक्षकों ने  बताया कि स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कल मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन वह मंत्रालय में चयनित शिक्षकों से पांच मिनट मिलने के बाद निकल गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आयुक्त शिल्पा गुप्ता के साथ मीटिंग फिक्स कर दी है। मीटिंग के बाद नियमानुसार काम हो जाएगा। वहीं अभी भी चयनित शिक्षक मंत्रालय में डटे हुए है।

जनप्रतिनिधियों से मांग रहे हक, हक अभी तक नहीं मिला

चयनित शिक्षक एक साल में प्रदेश सरकार के एक दर्जन से अधिक मंत्रियों से अपने हक नियुक्ति आदेश को लेकर मिल चुके है। लेकिन उसके बाद भी मामला सिफर रहा है। शिक्षकों का कहना है कि अगर उन्हें इस बार न्याय नहीं मिला तो वह भोपाल में ही डेरा डाल देंगे।

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