स्कूल शिक्षक भर्ती में 50 फीसदी आरक्षण अतिथि शिक्षक को देने पर हाईकोर्ट ने सरकार को दिया नोटिस
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए गए शिक्षक भर्ती नियमों के संशोधन, जिसमें अतिथि शिक्षकों को 50% आरक्षण दिया गया था। अब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में अदालत ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
INDORE. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा 27 दिसंबर 2024 को शिक्षक भर्ती नियम में एक संशोधन किया गया था, जिसमें अतिथि शिक्षकों को नियमित भर्ती में 50% आरक्षण किया गया। अब इस नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है और इस मामले में चीफ जस्टिस सुरेश कैत की डबल बैंच ने मध्य प्रदेश शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
भर्तियों को याचिका के अधीन किया
अधिवक्ता दिनेश चौहान ने बताया कि गैर अतिथि शिक्षकों के तरफ से गजट नोटिफिकेशन के जरिए बदले गए नियमों को चैलेंज किया गया, जिसके जरिए अतिथि शिक्षकों को 50% फीसदी आरक्षण दिया गया। इसमें सभी पक्षों को नोटिस जारी किया साथ ही साथ 27 दिसंबर 2024 के बाद आने वाले कोई भी रिक्रूटमेंट पर एक बंधन लगा दिया, तमाम भर्तियां इस याचिका के ही अधीन होगी।
आरक्षण नियम का नहीं होता है कोई पालन
अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के सामने पक्ष रखा कि अतिथि शिक्षकों के रखने की व्यवस्था में कभी भी कोई नियम तथा आरक्षण नियमों के पालन नहीं होता है। एसटी, एससी, ओबीसी कितने रखे जाने हैं इसका कोई पालन नहीं होता है। बाकी 50 फीसदी पद के लिए ही नियम लगाए जाते हैं।
सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि अतिथि शिक्षकों में ज्यादातर उन लोगों का शिक्षकों में चयन होता है जिनका जुगाड़ होता है या जिनकी पहुंच होती है। ऐसे में 50% भर्तियां सीधे तौर पर अतिथी शिक्षकों को देने का अर्थ है की 20 लाख से ज्यादा BEd और DEd किए हुए गैर अतिथि शिक्षक उनके भविष्य के बारे में सरकार ने नहीं सोचा और गैर संवैधानिक अमेंडमेंट जारी कर दिया, जबकि पहले से ही अतिथि शिक्षकों के लिए 25% रिजर्वेशन उपलब्ध है। इस पर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अतिथि शिक्षक रखे जाने के नियम है, कि तीन सत्रों में पढ़ाया गया हो व अन्य नियम है और इसकी सूचना जारी होती है।