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मध्य प्रदेश में कुछ जातियों को केंद्र सरकार की OBC सूची में शामिल किए जाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। पिछले कुछ वर्षों से राज्य की कई जातियां केंद्र सरकार से OBC का दर्जा प्राप्त करने की मांग कर रही थीं।
इस विषय पर हाल ही में भोपाल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) की बेंच की सुनवाई हुई। इसमें तीन जातियों को OBC सूची में शामिल किए जाने की संभावना जताई गई है। जानिए इसमें कौन-कौन सी जातियां हो सकती हैं शामिल...
32 जातियों ने केंद्र सरकार से की थी अपील
मध्य प्रदेश की कुल 32 जातियों ने केंद्र सरकार से OBC का दर्जा प्राप्त करने के लिए अपील की थी। इन जातियों का कहना था कि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई हैं, लेकिन वर्तमान में इन्हें सामान्य वर्ग में रखा गया है। इन जातियों ने यह दावा किया कि अगर उन्हें OBC का दर्जा मिलता है तो वे केंद्र सरकार की नौकरियों, शिक्षा संस्थानों और अन्य योजनाओं का लाभ उठा सकेंगी।
पांच जातियों का किया गया सर्वे
इसके बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इन दावों की जांच की और इन जातियों का सर्वेक्षण कराया। 32 जातियों में से पांच जातियों का चयन किया गया और उनका सर्वे किया गया। जिन जातियों का सर्वे किया गया, उनमें माली-सैनी (फूलमाली), लोढ़ा (तंवर), कुड़मी, कलार (जायसवाल) और वैशवार शामिल थीं।
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ये तीन जातियां OBC के योग्य
सर्वे के बाद यह निष्कर्ष निकला कि कुड़मी, तंवर (लोढ़ा) और माली-सैनी (फूलमाली) जातियां OBC सूची में शामिल किए जाने के लिए योग्य हैं। इन जातियों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आयोग ने रिपोर्ट तैयार की।
आयोग ने यह माना कि इन जातियों के सदस्य गरीबी, शोषण और सामाजिक पिछड़ेपन का सामना कर रहे हैं। इन्हें सरकारी नौकरियों, शिक्षा, और अन्य योजनाओं में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
जानें OBC का दर्जा क्यों है महत्वपूर्ण...
OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा प्राप्त करना किसी जाति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। OBC में शामिल होने पर, इन जातियों को केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है।
खासकर शिक्षा और सरकारी नौकरियों में OBC वर्ग के लिए 27% आरक्षण निर्धारित है। इसके अलावा, OBC वर्ग में शामिल जातियों को आर्थिक सहायता, छात्रवृत्तियां और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है।
OBC का दर्जा मिलने के बाद इन जातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई सरकारी योजनाओं और सहायता का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, इन जातियों के सदस्य बेहतर रोजगार के अवसरों और शिक्षा में प्रवेश पा सकेंगे। इससे उनके जीवन स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।
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विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा NCBC
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग इन तीन जातियों – कुड़मी, तंवर और माली-सैनी के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा। साथ ही, इस रिपोर्ट को भारत सरकार को भेजेगा। रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय के जरिए इन जातियों को OBC सूची में शामिल करने की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद, यह मामला केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास जाएगा। यहां से इसकी मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में प्रस्ताव रखा जाएगा।
लोकसभा में यह प्रस्ताव पास होने के बाद, केंद्र सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे इन जातियों को OBC का आधिकारिक दर्जा मिल जाएगा।
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