मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में बढ़ती गर्मी और जल संकट ने जीवन को मुश्किल बना दिया है। जल संकट का असर न सिर्फ खेती और घरेलू कामकाजी जीवन पर पड़ रहा है, बल्कि यह महिलाओं के लिए भी गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है। आज की महिलाएं पानी की कमी के कारण कई तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं से जूझ रही हैं।
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महिलाओं के लिए बढ़ती समस्याएं
डिंडोरी जिले के एक गांव में, पानी की गंभीर कमी ने एक महिला को अपने ससुराल छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जितेन्द्र सोनी ने बताया कि पानी की कमी के कारण उनकी पत्नी और बच्चे ससुराल छोड़कर मायके चले गए। उन्होंने कहा, “हैंडपंप से पानी तो मिल जाता है, लेकिन शौचालय के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। आजकल की महिलाएं शौच के लिए बाहर नहीं जा सकतीं क्योंकि इससे उन्हें शर्मिंदगी होती है। यही वजह है कि घरों में अक्सर झगड़े होते हैं।”
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बोरवेल की जरूरत
पति ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी से बोरवेल कराने के लिए कहा था, लेकिन बेरोजगारी के कारण वह इसे पूरा नहीं कर पाए। इसके चलते पत्नी नाराज होकर मायके चली गई और कहा, “अगर पानी नहीं है, तो मैं भी नहीं।” इस समस्या को हल करने के लिए वह जनसुनवाई में जाने की सोच रहे हैं, ताकि जल संकट की समस्या कलेक्टर के सामने रखी जा सके।
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जल संकट के कारण अन्य महिलाएं भी प्रभावित
गांव की अन्य महिलाएं भी जल संकट के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रही हैं। एक महिला ने बताया कि वह भी जल्द ही मायके जाने वाली है क्योंकि पानी की कमी के कारण घर और गांव में विवाद बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि “गांव में शौचालय तो हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।” कई महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं, लेकिन पानी की कमी के कारण उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है, जो उनके आत्मसम्मान पर असर डालता है।
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जल संकट पर समाधान की दिशा
जल संकट के समाधान के लिए कई उपाय सुझाए जा रहे हैं, जैसे कि बोरवेल्स की संख्या बढ़ाना, पानी के पुनर्चक्रण पर ध्यान देना और गांवों में स्वच्छता अभियानों का आयोजन। इन समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं को इस संकट से उबारने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
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