मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन हेतु पंजीयन की अंतिम तिथि को 31 मार्च से बढ़ाकर अब 9 अप्रैल 2025 कर दिया गया है। इस फैसले से उन किसानों को राहत मिलेगी जो किसी कारणवश निर्धारित समय में पंजीयन नहीं कर पाए थे।
किसानों को मिलेगा 2600 रुपए प्रति क्विंटल
राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त 175 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस भी दिया जा रहा है। इस तरह, किसानों को गेहूं के लिए कुल 2600 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ मिलेगा।
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अब तक इतने किसानों ने कराया पंजीयन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च तक 15 लाख 09 हजार 324 किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। पंजीयन की अवधि बढ़ने से यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। मंत्री राजपूत ने सभी पात्र किसानों से आग्रह किया है कि वे इस बढ़ी हुई समयसीमा का सदुपयोग करें और समय रहते पंजीयन कराएं, जिससे उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य और बोनस का पूरा लाभ मिल सके।
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कुल गेहूं उपार्जन और अनुमानित भुगतान
मध्यप्रदेश में इस बार लगभग 80 लाख टन गेहूं उपार्जन का अनुमान है। इससे किसानों को 19 हजार 400 करोड़ रुपए का समर्थन मूल्य दिया जाएगा। यह पहल किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए की जा रही है।
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समर्थन मूल्य में वृद्धि किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम
इस कदम से किसानों को न सिर्फ उचित समर्थन मूल्य मिलेगा, बल्कि बोनस के माध्यम से उन्हें अतिरिक्त वित्तीय लाभ भी होगा। सरकार की यह पहल किसानों की खुशहाली और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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