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मध्य प्रदेश सरकार अब गुजरात के रिलायंस वनतारा मॉडल की तर्ज पर राज्य में एक और वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर (Wildlife Rescue Center) स्थापित करने की योजना बना रही है। इस कदम से राज्य में वन्यजीवों के संरक्षण और उनके इलाज के लिए समर्पित सुविधाएं बेहतर होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को जामनगर स्थित रिलायंस वनतारा रेस्क्यू सेंटर का दौरा किया और वहां की व्यवस्थाओं को समझने के बाद इस मॉडल को मध्यप्रदेश में लागू करने पर विचार किया।
गुजरात का वनतारा मॉडल
गुजरात में स्थापित रिलायंस वनतारा वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर में घायल और अस्वस्थ वन्यजीवों का इलाज किया जाता है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों की देखभाल की जाती है और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया भी चलती है। इस सेंटर ने न केवल वन्यजीवों को संरक्षित किया है, बल्कि यह पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। वहीं, यह वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वनतारा की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस मॉडल को मध्यप्रदेश में लागू करने का विचार किया है।
प्रदेश में वनतारा जैसा रेस्क्यू सेंटर
मध्यप्रदेश में वन विहार नेशनल पार्क जैसे प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षित स्थल हैं, लेकिन यहां अभी तक वन्यजीवों के इलाज और पुनर्वास के लिए एक समर्पित केंद्र की कमी है। इसके मद्देनजर, सरकार ने अब रिलायंस वनतारा जैसा एक बड़ा और अत्याधुनिक वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह सेंटर वन्यजीवों के इलाज, उनके संरक्षण और उनकी सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन स्थान बन सकता है।
ये सुविधाएं होंगी शामिल
इस नए रेस्क्यू सेंटर में घायलों, अपंग और बीमार वन्यजीवों का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा, इस केंद्र में रिसर्च और शिक्षा के लिए भी विभाग होगा, जहां वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। सेंटर में वेटेरिनरी क्लीनिक, रिसर्च लैब, पुनर्वास केंद्र और जू (zoo) जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इस सेंटर से वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में काफी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
वन्यजीवों के लिए 108 जैसी हेल्पलाइन सुविधा
प्रदेश सरकार अब 108 जैसी सुविधा शुरू करने पर भी विचार कर रही है, ताकि घायल या बीमार वन्यजीवों और अन्य जानवरों के लिए एक त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित की जा सके। इस हेल्पलाइन पर आम लोग घायल वन्यजीवों के बारे में सूचना दे सकते हैं और यह सूचना संबंधित वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर तक पहुंचाई जाएगी।
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पर्यावरण और इको-टूरिज्म पर दिखेगा प्रभाव
मध्यप्रदेश में इस नए रेस्क्यू सेंटर का निर्माण राज्य में इको-टूरिज्म (Eco-tourism) को भी बढ़ावा देगा। वन्यजीवों के इलाज के बाद उन्हें प्राकृतिक आवास में छोड़ने की प्रक्रिया से पर्यटकों को न केवल वन्यजीवों के इलाज के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि यह सेंटर पर्यटकों को वन्यजीवों के बारे में भी जागरूक करेगा। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में और अधिक जागरूकता फैलेगी और राज्य के इको-टूरिज्म उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
आईएफएस अफसरों की टीम का गुजरात दौरा
मुख्यमंत्री के जामनगर दौरे के बाद, 6 वरिष्ठ आईएफएस (IFS) अफसरों की एक टीम जल्द ही गुजरात भेजी जाएगी। यह टीम वनतारा के मॉडल का अध्ययन करेगी और प्रदेश में इसे लागू करने के लिए आवश्यक कदमों की योजना तैयार करेगी। इस टीम में वनबल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभरंजन सेन, पीसीसीएफ समीता राजौरा समेत अन्य अधिकारियों को जिम्मा सौंपा गया है।
वन्यजीवों की सुरक्षा को मिलेगी नई दिशा
मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना को लेकर अपनी इच्छाशक्ति जताई है और इसके लिए संसाधन जुटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। राज्य के वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस रेस्क्यू सेंटर के निर्माण से राज्य के वन्यजीवों की सुरक्षा को नई दिशा मिलेगी। इसके साथ ही, यह परियोजना राज्य के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करेगी।
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