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मध्य प्रदेश में एक समय था जब डकैतों का खौफ था, लेकिन अब अपहरण जैसी घटनाएं उभरने लगी हैं। ग्वालियर चंबल अंचल में हर साल सैकड़ों बच्चे गायब हो जाते हैं। यह समस्या अभी भी जारी है, लेकिन पुलिस इन बच्चों को परिवारों से मिलाने का प्रयास कर रही है। पिछले 14 महीनों में 475 से अधिक बच्चों को पुलिस ने बचाया है। इनमें से कई बच्चों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से ढूंढा गया है। फिर भी अपहरण की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
फिल्मी स्टाइल में किडनैपिंग
6 साल के मासूम शिवाय गुप्ता का अपहरण हुआ था, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। 13 फरवरी को ग्वालियर में दो बाइक सवार अपहरणकर्ताओं ने स्कूल जाते समय शिवाय को किडनैप कर लिया था। आरोपियों ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। पुलिस की तत्परता से आरोपियों को 10 दिन के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया और शिवाय को सुरक्षित छुड़ा लिया गया।
पुलिस ने की तुरंत कार्रवाई
दतिया जिले में भी अपहरण की घटना हुई। दो नाबालिग बच्चियों को स्कूल बस के ड्राइवर ने अपहरण किया था। हालांकि बच्चियों ने शोर मचाया और आरोपियों ने उन्हें छोड़ दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और दोनों बच्चियों को सुरक्षित बचा लिया।
टेक्नोलॉजी का सहारा
अब पुलिस पुराने मामलों में भी नई तकनीकों का सहारा ले रही है। जैसे कि 4 साल पहले गायब हुई रोशनी को बिहार से पुलिस ने ढूंढ निकाला। पुलिस ने उसकी पुरानी तस्वीरों के आधार पर एआई से उसकी नई तस्वीर बनाई और फिर उसकी तलाश शुरू की। अंततः उसे बिहार में पाया गया। हालांकि उसने साथ जाने से मना कर दिया क्योंकि वह वहां शादी कर चुकी थी।
बता दें कि साल 2021 का ये पूरा मामला है, तब रोशनी 15 साल की थी। वह अचानक घर से गायब हो गई थी। परिवार ने काफी खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चला। अपहरण का मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन सुराग ना मिलने से केस भी ठंडे बस्ते में चला गया। फिर ऑपरेशन मुस्कान के तहत ग्वालियर पुलिस ने एक बार फिर उसकी तलाश शुरू की, लेकिन 4 साल बाद वह बालिका कैसी दिखती होगी इसका कोई अंदाजा नहीं था और ना ही उसके पास कोई फोन था और ना ही आधार कार्ड। इस अवस्था में पुलिस ने एआई का यूज किया। जिससे प्रशासन को रोशनी का पता चल गया, जो बिहार में मौजूद थी।
ऑपरेशन मुस्कान: बच्चों को तलाशने की नई रणनीति
"ऑपरेशन मुस्कान" के तहत पुलिस बच्चों को ढूंढने का प्रयास कर रही है। ग्वालियर जिले में पिछले साल 436 नाबालिग बच्चे गायब हुए थे, जिनमें से 428 बच्चों को पुलिस ने रिकवर किया। 2025 के पहले दो महीनों में भी 62 बच्चों के अपहरण के मामले सामने आए थे, जिनमें से 58 बच्चों को पुलिस ने ढूंढ निकाला।
प्रशासन ने क्या बताया?
ग्वालियर पुलिस अधीक्षक ( SP ) धर्मवीर सिंह यादव के अनुसार, कई बच्चे घर से नाराज होकर भाग जाते हैं, कुछ को पारिवारिक विघटन के कारण, और कुछ को प्रेम प्रसंग में अपनी स्थिति बदलने की कोशिश में। पुलिस इन मामलों में बच्चों की जल्द से जल्द बरामदगी को प्राथमिकता देती है।
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क्या है ऑपरेशन मुस्कान की खासियत?
दरअसल, मध्य प्रदेश पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान में एक विशेष रणनीति अपनाई जाती है। इस अभियान के तहत, अलग-अलग टीमों को एक ही उद्देश्य के लिए काम करने के लिए तैयार किया जाता है। बच्चों के मिलने के बाद, उन्हें परिवार से मिलाया जाता है और कोर्ट के निर्देश पर उन्हें सुपुर्द किया जाता है।
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