अश्विन कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनमोहक श्रीगणेश स्वरूप में सजे बाबा महाकाल

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार को भगवान महाकाल का मनमोहक श्रीगणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भस्म आरती दर्शन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े।

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Kaushiki
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बाबा महाकालभस्म आरती:उज्जैनविश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज बुधवार (10 सितंबर) को ब्रह्म मुहूर्त में होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार किया गया।

सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही सबसे पहले वीरभद्र जी को प्रणाम कर स्वस्ति वाचन के साथ आज्ञा लेकर चांदी के द्वार खोले गए। पुजारियों ने गर्भगृह के पट खोलकर भगवान का श्रृंगार उतारा और पंचामृत से पूजन के बाद कर्पूर आरती की।

इस दौरान भगवान महाकाल को दूध, दही, घी, शकर और शहद से बने पंचामृत से स्नान कराया गया। इसके बाद बाबा को जल से स्नान कराकर वस्त्र धारण कराए गए।

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भगवान का मनमोहक श्रृंगार

यह बुधवार का दिन था, इसलिए भगवान महाकाल को श्रीगणेश स्वरूप में सजाया गया। भस्म आरती से पहले भगवान का मनमोहक श्रृंगार किया गया जिसमें उन्हें भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और विभिन्न प्रकार के पुष्पों से सजाया गया।

यह श्रृंगार इतना अद्भुत था कि मानो साक्षात भगवान गणपति ही विराजमान हों। इस अलौकिक दर्शन को पाकर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

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नंदी हाल में विशेष पूजा और भस्म अर्पण

भस्म आरती के समय नंदी हाल में नंदी जी का भी विशेष पूजन और श्रृंगार किया गया। सबसे पहले उनका स्नान, ध्यान और पूजन किया गया। इसके बाद ड्रायफ्रूट, फल और मिठाई का भोग लगाकर भस्म चढ़ाई गई।

महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण रस्म है, क्योंकि यह मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद ही भगवान निराकार से साकार रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। भस्म आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर 'जय श्री महाकाल' के जयकारों से गूंज उठा।

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