महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री का बदला रास्ता, सावन में होगा नया इंतजाम

सावन महीना में उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस साल दर्शन मार्ग में बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। नया सम्राट अशोक पुल, जो रूद्रसागर पर बना है, श्रद्धालुओं को सीधे मंदिर परिसर तक ले जाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।

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Sandeep Kumar
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MP NEWS: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। श्रद्धालुओं को अब महाकाल मंदिर में प्रवेश सम्राट अशोक पुल के जरिए दिया जाएगा। भीड़ नियंत्रण और बेहतर दर्शन प्रबंधन के मकसद से तैयार किए जा रहे नए प्लान में इस पुल को प्रमुख मार्ग के रूप में शामिल करने की तैयारी अंतिम चरण में है।

महाकाल दर्शन का नया प्रवेश मार्ग

रूद्रसागर झील पर बना यह 200 मीटर लंबा और 9 मीटर चौड़ा पुल उज्जैन स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तैयार किया गया है। सीएम मोहन यादवने इस पुल का लोकार्पण किया और इसे "सम्राट अशोक पुल" नाम दिया गया। पुल पर आकर्षक लाइटिंग और वास्तुशिल्प के साथ-साथ इसकी बनावट भी भक्तों को आनंदित करती है। हालांकि फिलहाल इसे दर्शन व्यवस्था में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन सावन महीना के दौरान इसे पूरी तरह उपयोग में लाया जाएगा।

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पुल से मंदिर पहुंचना होगा आसान

भस्म आरती के लिए मंदिर के पट सुबह 3 बजे खुलते हैं, जबकि रविवार को यह समय 2:30 बजे का होगा। ऐसे में रात में ही हजारों श्रद्धालु चारधाम पार्किंग से महाकाल मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। नया सम्राट अशोक पुल इन भक्तों के लिए एक छोटा और सीधा मार्ग बनेगा। शक्तिपथ होते हुए इस पुल से मंदिर पहुंचना मौजूदा मार्ग की तुलना में करीब डेढ़ किलोमीटर कम दूरी तय करने जैसा होगा, जिससे भीड़ जल्दी नियंत्रित होगी और दर्शन की गति भी तेज होगी।

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वर्तमान दर्शन मार्ग 

अभी श्रद्धालु चारधाम पार्किंग से शक्तिपथ होकर श्री महाकाल लोक के नंदी द्वार से प्रवेश करते हैं। महाकाल लोक भ्रमण के बाद मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर और फिर टनल के माध्यम से मंदिर परिसर में पहुंचा जाता है। वहां से गणेश मंडपम् और कार्तिकेय मंडपम् से दर्शन कर भक्त बाहर निकलते हैं। नया दर्शन मार्ग सम्राट अशोक पुल के माध्यम से इस प्रक्रिया को सरल बनाएगा।

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आकर्षण बनेगा पुल

पुल की रचना सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं बल्कि दृश्यात्मक सौंदर्य को भी ध्यान में रखकर की गई है। साढ़े 22 करोड़ की लागत से बना यह पुल रात्रिकालीन रोशनी में भक्तों के लिए एक आकर्षक अनुभव बन जाएगा। यहां से रूद्रसागर का दृश्य भी श्रद्धालुओं को आनंदित करेगा।

 

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