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महाकाल की शाही सवारी:उज्जैन में श्रावण-भाद्रपद माह की छठी और अंतिम सवारी आज (सोमवार, 18 अगस्त) को निकाली जाएगी। इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं।
मंदिर प्रशासन ने लगभग 10 लाख भक्तों के आने का अनुमान लगाया है। इस साल की शाही सवारी इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें कई नए आकर्षण शामिल किए गए हैं जो भक्तों के अनुभव को और भी यादगार बनाएंगे।
CM भी होंगे शामिल
उज्जैन के बाबा महाकाल की सवारी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। यह आयोजन धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।
सवारी की भव्यता और अनुशासन बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। मोबाइल डिटेक्शन टीम भी तैनात की गई है और सुरक्षा कारणों से सेल्फी लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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शाही सवारी के प्रमुख आकर्षण
यह शाही सवारी (बाबा महाकाल की सवारी) कई मायनों में अनूठी है। इसका सबसे बड़ा आकर्षण 10 ड्रोन से होने वाली पुष्पवर्षा है। ये ड्रोन पूरी सवारी मार्ग में रजत पालकी पर फूलों की वर्षा करेंगे, जिससे भक्तों को एक दिव्य अनुभव होगा। इस भव्य दृश्य को देखकर ऐसा लगेगा मानो आसमान से देवता स्वयं बाबा महाकाल का स्वागत कर रहे हैं।
सवारी में शामिल होने वाली 70 से अधिक भजन मंडलियां भी भक्तों में जोश और उत्साह भर देंगी। ये मंडलियां अपनी मधुर भजनों से पूरे वातावरण को भक्तिमय बनाएंगी। इसके अलावा, मध्य प्रदेश की विभिन्न जनजातियों के नृत्य समूह भी इस सवारी का हिस्सा होंगे।
इनमें ढुलिया जनजाति का गुदुम बाजा नृत्य, हरदा के भुवनेश्वर का डंडा लोक नृत्य और बालाघाट की बैगा जनजाति का करमा नृत्य शामिल हैं। ये लोकनृत्य सवारी में एक सांस्कृतिक रंग घोल देंगे और दर्शकों को भारत की समृद्ध लोक परंपराओं का परिचय देंगे।
शाही सवारी का स्वरूप और मार्ग
आज की शाही सवारी में छह मुखारविंद शामिल होंगे। मुख्य पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर विराजित रहेंगे। इसके अलावा, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद और एक अन्य रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद शामिल रहेंगे।
सवारी शुरू होने से पहले, मंदिर में विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया जाएगा। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा जो इस धार्मिक यात्रा को एक राजसी सम्मान प्रदान करेगा।
सवारी का चल समारोह एक निश्चित क्रम में आगे बढ़ेगा। सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन होगा, जिसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, रजत ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट-गाइड और बैंड चलेंगे।
इसके बाद विभिन्न भजन मंडलियां होंगी, जो अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देंगी। सवारी का मार्ग भी सुनियोजित है, जो लगभग सात किलोमीटर लंबा है।
इस पूरे मार्ग पर भक्तों की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए पानी और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
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सुरक्षा और यातायात प्रबंधन
बता दें कि इस शाही सवारी के दौरान लाखों की संख्या में भक्तों के आने की संभावना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पूरे सवारी मार्ग पर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है।
भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए, पूरे मार्ग को मोबाइल डिटेक्शन टीम की निगरानी में रखा गया है।
इसके अलावा, भक्तों से सुरक्षा बनाए रखने के लिए सेल्फी लेने से बचने का आग्रह किया गया है और इसे प्रतिबंधित भी किया गया है। कुल 17 मार्गों पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
इनमें हरिफाटक टी, दानीगेट, गुदरी चौराहा, तेलीवाड़ा और अन्य प्रमुख स्थान शामिल हैं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य सवारी मार्ग को सुरक्षित और निर्बाध बनाए रखना है।
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Mahakaal Darshan | Madhya Pradesh