INDORE. देश और विदेश में श्रृद्धा के केंद्र उज्जैन के महाकाल मंदिर में दिसंबर 2024 में दर्शन, भस्म आरती के लिए भक्तों से राशि लेने का घोटाला सामने आया था। इस मामले में उज्जैन प्रशासन ने मंदिर समिति, सिक्यूरिटी कंपनी व अन्य को आरोपी बनाने का आवेदन महाकाल थाने में दिया, जिस पर 20 दिसंबर 2024 को आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत मामले में बीएनएस धारा 318 (4) व 316(2) के तहत केस दर्ज किया गया। इसमें कुछ की गिरफ्तारी भी हुई।
अब इस केस में यह हुआ है
इस केस में गिरफ्तार हुए उज्जैन मंदिर के नंदी हाल इंचार्ज उमेश पंड्या और क्रिस्टल कंपनी के सिक्यूरिटी गार्ड जितेंद्र पंवार ने हाईकोर्ट इंदौर में जमानत का आवेदन लगाया था। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट इंदौर ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है।
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हाईकोर्ट सुनवाई में आए इन सभी के नाम
इस सुनवाई के दौरान बताया गया कि आरोपियों के नाम केवल किसी अन्य आरोपी द्वारा लिए जाने के कारण एफआईआर में जोड़ लिया गया। मूल एफआईआर में सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे व दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव का नाम था। चौकसे और श्रीवास्तव के मोबाइल सीज हुए। उन्होंने पुलिस को बयान में बताया कि आईटी इंजार्ज राजकुमार सिंह, भस्म आरती इंचार्ज रितेश शर्मा, प्रोटोकाल प्रभारी अभिषेक भार्गव, सिक्यूरिटी गार्ड क्रिस्टल कंपनी के जितेंद्र पंवार और ओमप्रकाश माली इस मामले में उनके सहयोगी है।
रितेश शर्मा ने इनके नाम लिए
भस्म आरती इंचार्ज रितेश शर्मा को 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया, उनका मोबाइल जब्त किया। शर्मा ने पुलिस को बयान में बताया कि उनके साथ नंदी हाल के इंचार्ज उमेश पंड्या, भस्म आरती ऑपरेटर आशीष शर्मा, गार्ड करण सिंह पंवार, पत्रकार पंकज शर्मा और विजेंद्र, पूर्व समिति सदस्य दीपक मित्तल उनके साथ सहयोगी है।
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