मध्यप्रदेश में मकर संक्रांति के अवसर पर इंदौर, भोपाल, विदिशा सहित कई जिलों में 15 जनवरी 2025 को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। राज्य सरकार ने इस अवकाश का ऐलान करते हुए कहा कि यह त्योहार प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। मकर संक्रांति के मौके पर मध्यप्रदेश के कई जिलों में 15 जनवरी 2025 को स्थानीय अवकाश रहेगा। यह त्योहार खासतौर पर धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग तिल-गुड़ का सेवन करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं।
स्थानीय अवकाश का महत्व
इस दिन का स्थानीय अवकाश लोगों को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर देता है। साथ ही, यह समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी प्रतीक है। राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे मकर संक्रांति को पारंपरिक तरीके से मनाएं और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए अपने त्योहार को और अधिक सार्थक बनाएं।
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मकर संक्रांति की विशेषता
मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे सूर्य देवता की आराधना और दान-पुण्य के लिए जाना जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का संकेत देता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ समय की शुरुआत मानी जाती है।
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धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
मकर संक्रांति के दिन प्रदेशभर में विशेष पूजा-अर्चना, तिल-गुड़ के व्यंजन, पतंगबाजी और दान-पुण्य जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इंदौर, भोपाल और विदिशा जैसे शहरों में घाटों पर गंगा-स्नान के समान धार्मिक गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
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