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The Sootr
इंदौर में कोल ग्रुप के भाटिया और श्री गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल के चेयरमैन आर. एस. माखीजा के बीच तीन साल से चल रही तनातनी अब कॉलोनी के गेट तक पहुंच गई है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में आखिरकार माखीजा ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम के जरिए अपनी पावर दिखाई और भाटिया द्वारा कैंपस कॉलोनी में लगवाया गया गेट मंगलवार दोपहर को तुड़वा दिया।
कार्रवाई रुकवाने मंत्री, पीए, नेताओं के फोन
इस दौरान भाटिया ने भी कार्रवाई रुकवाने के लिए जमकर राजनीतिक एप्रोच लगवाई। भाटिया के समर्थन में मंत्री तुलसी सिलावट ने महापौर को फोन लगाया, तो वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की ओर से पीए रवि विजयवर्गीय, एमआईसी मेंबर राजेंद्र राठौर ने भी महापौर को फोन किए। हालांकि, महापौर ने उनके फोन नहीं उठाए और मंत्री सिलावट को बता दिया कि जो भी विधिक कार्रवाई होगी, वही होगी, किसी के साथ गलत नहीं होगा। आखिर में आधे घंटे में भाटिया का लगाया गया गेट तोड़कर साइड में रख दिया गया। वहीं, कार्रवाई के दौरान रिमूवल के अधिकारियों ने भी अपने फोन बंद कर लिए, ताकि किसी तरह का दबाव न आए।
इस कॉलोनी के गेट पर हुआ हंगामा
भंवरकुआं क्षेत्र के आदित्य नगर में ही बगीचे के पास कुल 15 प्लॉट मालिकों ने अपना एक अलग कैंपस बना लिया है। आदित्य नगर के गार्डन के पास 25 साल पहले सांघी परिवार ने प्लॉट काटे थे। इनमें से 11 प्लॉट कोल कारोबारी एस. एस. भाटिया और उनके परिवार ने ले लिए थे। वहीं, चार प्लॉट, लगभग 7,000 स्क्वेयर फीट की जगह, गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल के चेयरमैन आर. एस. माखीजा ने ले ली थी। इसके बाद सुरक्षा के लिए आम सहमति से इस परिसर को एक कैंपस कॉलोनी का नाम दे दिया गया और फिर इसके मुख्य द्वार पर गेट भी लगा दिया गया।
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माखीजा का आरोप है कि आते-जाते समय सिक्योरिटी गार्ड द्वारा उन्हें बार-बार रोककर परेशान किया जाता है और गाड़ियों को भी अंदर लाने पर गार्ड द्वारा विवाद किया जाता है। इसको लेकर उन्होंने एस. एस. भाटिया से कई बार बातचीत की, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इस पर मजबूरन उन्हें संभागायुक्त दीपक सिंह के पास जाना पड़ा। वहां से कार्रवाई के लिए नगर निगम को निर्देशित कर दिया गया।
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भाटिया और माखीजा के बीच लंबे समय से विवाद
शिकायतकर्ता आर. एस. माखीजा, गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल और महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज के मालिक हैं। इसके अलावा, वे कई अन्य ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं और सिख समाज में एक बड़ा पद रखते हैं। वहीं, भाटिया इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डायरेक्टर व सीईओ एस. एस. भाटिया का कोयले का बड़ा कामकाज है। ऐसा बताया जाता है कि वे लगभग 15 कंपनियों के मालिक हैं और इनका शिपमेंट का भी कामकाज है।
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माखीजा और भाटिया ने यह कहा:
डॉ. आर.एस. माखीजा ने कहा कि हमारे ट्रस्ट के लोगों का मेरे घर आना-जाना है। इस दौरान भाटिया के सिक्योरिटी गार्ड उन्हें जबरन रोकते हैं और परेशान करते हैं। उनकी शिकायत पर भी वे नहीं सुनते हैं, गार्डन पर भी कब्जा कर रखा है।
एस. एस. भाटिया ने बताया कि यह कोई कैंपस कॉलोनी नहीं, बल्कि प्राइवेट प्रॉपर्टी है। इसमें नगर निगम की कार्रवाई अवैध तरीके से की गई है। इसकी शिकायत हम ऊपर के अफसरों को कर रहे हैं। यह पूरा कैंपस हमने डेवलप किया है और हम ही इसका रखरखाव करते हैं। सुरक्षा के लिहाज से हमने गेट लगाया है। वैसे भी हमारे घर के बाद डेड एंड है, तो इसमें आगे रास्ता जाने का सवाल ही नहीं उठता। माखीजा द्वारा की गई शिकायत सरासर झूठी है।
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महापौर ने यह कहा:
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में सभी दबावों और प्रभावों को दरकिनार कर निगम को कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया था। इस मामले को लेकर उनके पास, नगर निगम के ऐप पर, और सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायतें आ रही थीं। उन्होंने द सूत्र से कहा कि किसी भी कॉलोनी में गेट लगाने की मंजूरी नहीं है, क्योंकि इससे आम व्यक्ति का रास्ता बंद होता है। इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के फैसले हैं। दोनों ही पक्षकारों को पहले भी बैठक कर समझाइश दी गई थी, लेकिन लगातार शिकायतें आ रही थीं। ऐसे में निगम द्वारा विधिक कार्रवाई की गई।
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माखीजा पर ईओडब्ल्यू में केस, लंबे समय से विवाद
खंडवा रोड स्थित महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज को संचालित करने वाले ट्रस्ट न्यासी डॉ. आर. एस. माखीजा पर आर्थिक अनियमितता के साथ कॉलेज, स्कूलों समेत करीब 100 करोड़ की संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप ट्रस्टी सुरिंदर सिंह भाटिया ने दो साल पहले लगाया था। भाटिया ने यह आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री समेत तमाम जांच एजेंसियों को शिकायत भेजी थी। मामला थाने तक भी पहुंचा। वहीं, माखीजा का कहना था कि भाटिया समूह दिवालिया हो गया, तो ये ट्रस्ट में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिबजी ट्रस्ट फर्जीवाड़े में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने जून 2023 में डॉ. रघुवीर सिंह माखीजा और उनके बेटे सतविंदर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र व कूटरचना का प्रकरण दर्ज किया था। आरोप है कि माखीजा ने 1984 के दंगों में मिली मुआवजा राशि में 14.50 लाख रुपये की हेराफेरी की है।
कूटरचना से परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल कर लिया। ट्रस्ट में सरदार अमरीक सिंह, सरदार कृपाल सिंह, सरदार गुरमीत सिंह, और सरदार जोगिंदर सिंह न्यासी हैं। ट्रस्ट द्वारा श्री गुरु तेग चैरिटेबल अस्पताल और गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल (नंदानगर) संचालित किया जा रहा है।
आरोप है कि डॉ. रघुवीर सिंह ने 1984 के दंगों में मिले 14.50 लाख रुपये मुआवजे को सहयोगी संस्थान अस्पताल ट्रस्ट में प्राप्त कर लिया। संगत एवं मूल ट्रस्ट को बताया कि उक्त राशि से जमीन खरीदकर ट्रस्ट का विस्तार किया जाएगा, लेकिन डॉ. रघुवीर ने ट्रस्ट से प्राप्त रुपयों से स्वयं और परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन खरीद ली।
उन्होंने सहमति के बिना रिश्तेदारों एवं परिवार के सदस्यों को ट्रस्टी बना दिया। आरोप है कि ट्रस्ट की आड़ में आरोपित स्वयं के ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले स्कूल-कॉलेज को प्रमोट कर रहे हैं।
गुरु तेग बहादुर साहिबजी ट्रस्ट समिति के सरदार अमरीक सिंह ने वरिष्ठ ट्रस्टी डॉ. आर. एस. माखीजा के खिलाफ भंवरकुआं थाने में भी शिकायत की थी।