मालवा-निमाड़ की 8 सीटों में बीजेपी-कांग्रेस के बीच धार, रतलाम, खरगोन को लेकर ही चर्चा

यह तीनों ही आदिवासी सीट है और इन्हीं जगहों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच में थोड़ी फाइट होने की बात आ रही है। वहीं इंदौर में तो कांग्रेस मुकाबले में ही नहीं है, इसके साथ ही खंडवा, देवास, मंदसौर, उज्जैन में बीजेपी का माहौल ही मजबूती से बना हुआ है। 

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Sandeep Kumar
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संजय गुप्ता@ INDORE.मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) के अंतिम चरण ( चौथे ) में मालवा-निमाड़ की आठ सीटों पर 13 मई को वोटिंग होना है। लेकिन चर्चा में केवल धार, खरगोन और रतलाम-झाबुआ सीट ही है। यह तीनों ही आदिवासी सीट है और इन्हीं जगहों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच में थोड़ी फाइट होने की बात आ रही है। वहीं इंदौर में तो कांग्रेस मुकाबले में ही नहीं है, इसके साथ ही खंडवा, देवास, मंदसौर, उज्जैन में बीजेपी का माहौल ही मजबूती से बना हुआ है। 

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तीन फाइट वाली सीटों पर क्या है स्थिति

रतलाम-झाबुआ- सैलाना में बाप के 70 हजार वोट कौन लेगा?

मुकाबला- बीजेपी से अनिता नागर सिंह और कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया

इस आदिवासी सीट में आठ विधानसभा अलीराजपुर, झाबुआ, पेटलावद, थांदला, रतलाम सिटी, रतलाम ग्रामीणस सैलाना और जोबट है। बीजेपी के पास यहां चार सीट है, कांग्रेस के पास तीन और सैलाना में बाप पार्टी है। भूरिया पहले भी सांसद रह चुके हैं। यहां आदिवासी मतदाता 65 फीसदी है। इसमें 80 फीसदी भील तो वहीं 20 फीसदी भिलाला है। भूरिया भील है और अनिता भिलाला। शुरू से ही इस चुनाव को मोदी और राहुल गांधी करने की जगह कांग्रेस की कोशिश भील और भिलाला करने की रही है। कांग्रेस की समस्या यह है कि उसे रतलाम सिटी और ग्रामीण से ही बीजेपी भारी पीछे कर देती है, जो वह झाबुआ, जोबट, थांदला से भरपाई नहीं कर पाती है। सभी की नजरें सैलाना पर है, विधानसभा में बीजेपी यहां तीसरे नंबर पर थी। यहां से बाप को मिले 70 हजार से ज्यादा वोट कौन ले जाएगा, इस पर सभी की नजरें हैं।

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धार- महू और धार से बीजेपी की लीड देगी तकलीफ

मुकाबला- बीजेपी की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मुवैल इस आदिवासी सीट पर पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर मैदान में आई है और बीजेपी ने सासंद छतरसिंह दरबार का टिकट काटा है। युवा राधेश्याम मुवैल को कांग्रेस ने उतारा है। चुनाव में अधिक खर्च नहीं करने के चलते मुवैल पहले ही चर्चित हो चुके हैं, लेकिन मैदान में उन्होंने धीरे-धीरे मोर्चा संभाला है। वहीं धार पंरपरागत रूप से विधासनभा में कांग्रेस को साथ देता आया है। यहां की आठ विधानसभा सीट में पांच कांग्रेस के पास है। लेकिन कांग्रेस की असल समस्या धार और महू विधानसभा है। महू में कांग्रेस का कोई नेता ही नहीं बचा, दरबार से लेकर राधेश्याम शुक्ला तक बीजेपी में चले गए। यहां से बीजेपी एक से डेढ़ लाख लीड का लक्ष्य लेकर चल रही है, वहीं धार सीट बीजेपी की मजबूत है। इन दो सीट से बीजेपी को मिल लीड अन्य आदिवासी सीट पर कांग्रेस को मिलने वाली सीट से हमेशा ही ज्यादा हावी रही है। ऐसे में कांग्रेस की चुनौती महू और धार है। भोजशाल मुद्दा से बीजेपी अपने वोट एकजुट करने में जुटी है और यहां 50 फीसदी वोट आदिवासी है तो कांग्रेस उसे अपनी ओर करना चाहती है।

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खरगोन- वोट बैंक बंटने से किसे होगा लाभ

मुकाबला-  बीजेपी से गजेंद्र पटेल, कांग्रेस से पोरलाल खरते

खरगोन लोकसभा में आठ विधानसभा में से पांच कांग्रेस के पास है और तीन बीजेपी के पास। दोनों ही प्रत्याशी बारेला समाज के हैं। इसी आधार पर कांग्रेस वोट बैंक बंटने की उम्मीद कर रही है। उधर खरगोन में पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों ही सभा कर चुके हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही आरक्षण का मुद्दा उठाया है, मोदी ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण को अन्य धर्म में बांट देगी, वहीं कांग्रेस ने कहा कि आरक्षण को और अधिक करेंगे, जातिगत जनगणना कर हक दिलवाएंगे। लेकिन कांग्रेस की समस्या यह है कि साल 2019 के चुनाव में भी बीजेपी और मोदी के नाम पर वोटिंग हुई और सभी विधासनभा में कांग्रेस को बीजेपी से मात मिली थी।

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इन सीटों पर कांग्रेस के लिए रास्ता कठिन

इंदौर- यहां बीजेपी के शंकर लालवानी है, कांग्रेस से प्रत्याशी है ही नहीं। अब कांग्रेस नोटा पर अधिक वोट डलवाकर बीजेपी की जीत को दागदार बताने में जुटी है और इसका असर अन्य सीटों पर लेने की कोशिश की जा रही है।

देवास- यहां बीजेपी के महेंद्र सिंह सोलंकी मौजूदा सांसद का मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय से है। दोनों ही बलाई समाज से हैं। लेकिन यहां बीजेपी काफी मजबूत है। विधानसभा में देवास जिले में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है और लोकसभा की सभी आठ सीट बीजेपी के पास है। 

खंडवा- यहां बीजेपी के मौजूद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का मुकाबला कांग्रेस के नरेंद्र पटेल से हैं। दोनो ही ओबीसी से हैं। पाटिल मराठा कुनबी तो नरेंद्र गुर्जर है। गुर्जर वोट अधिक है, इसका फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है, साथ ही मुस्लिम वोट भी अधिक संख्या में हैं। लेकिन बीजेपी राममंदिर, धारा 370, तीन तलाक और पीएम मोदी की गारंटी को लेकर वोट एकजुट करने में जुटी है।

मंदसौर- यहां से सांसद सुधीर गुप्ता फिर मैदान में हैं और कांग्रेस से दिलीप गुर्जर है। दिग्विजय सिंह गुर्जर के लिए लगे हुए हैं। लेकिन बीजेपी के गुप्ता राममंदिर और पीएम मोदी के सहारे नैया पार होने की उम्मीद में हैं। 

उज्जैन- यहां से मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया बीजेपी से फिर मैदान में हैं तो कांग्रेस से विधायक महेश परमार है। यहां बलाई समाज के 3.50 लाख वोट है और परमार भी इसी समाज से हैं और वह इसी के सहारे हैं। लेकिन बीजेपी ने पूरी ताकत लगाई है, क्योंकि यह सीएम डॉ. मोहन यादव का भी गृह जिला है। ऐसे में बीजेपी पूरी तरह से हार्डकोर हिंदुत्व एजेंडे पर है।

Lok Sabha elections धार सावित्री ठाकुर खरगोन और रतलाम-झाबुआ सीट