मालवांचल में भी डीएड की फर्जी अंकसूची से शिक्षक बन बैठे 80 से ज्यादा मुन्नाभाई

ग्वालियर-चंबल में फर्जी डीएड डिप्लोमा से शिक्षक बनने वालों की संख्या बढ़ रही है। एसटीएफ ने 34 आरोपियों पर केस दर्ज किया है। इनमें से 20 मालवा अंचल के निवासी हैं। जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि जनपद पंचायतों के जरिए फर्जीवाड़ा हुआ है।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. डीएड केफर्जी डिप्लोमा के सहारे शिक्षक बनने वाले मुन्ना भाईयों की फेहरिस्त बढ़ रही है। ग्वालियर-चंबल में तीन दर्जन से ज्यादा शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इसके बाद अब STF की जांच मालवा अंचल के जिलों तक पहुंच गई है। डीएड की फर्जी अंकसूची के सहारे शिक्षक बनने का खेल बीते 20 साल से जारी है। 

जनपद पंचायतों के जरिए हुई संविदा शिक्षक भर्ती के दौरान सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है। ये तथ्य अब तक की जांच में एसटीएफ के हाथ आए हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल में दो महीने पहले एसटीएफ ने 34 लोगों पर केस दर्ज किया था। 

इनमें से 20 मालवा अंचल के निवासी हैं। ऐसे में अब एसटीएफ इस क्षेत्र में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले गिरोह के सदस्यों की जानकारी जुटा रही है। अब एसटीएफ इस क्षेत्र में फर्जीवाड़े के गिरोह के सदस्यों की जानकारी जुटा रही है।

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ग्वालियर से अब मालवांचल पहुंची जांच

STF DG पंकज कुमार श्रीवास्तव के आदेश के बाद STF SP राजेश सिंह भदौरिया की टीम ने ग्वालियर अंचल से जांच की शुरू की थी। ग्वालियर के गौरीशंकर राजपूत ने RTI के जरिए जानकारी हासिल की। इसके बाद STF को शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। 

राजपूत ने सूचना के अधिकार के माध्यम से जो दस्तावेज हासिल किए थे। उनमें 130 लोगों की अंकसूचियां एक ही रोल नंबर पर जारी की गई थीं। शिकायत की पड़ताल के दौरान STFद्वारा डीएड अंकसूचियों के सत्यापन में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। 

STF SP के अनुसार पूरे मामले में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। ग्वालियर- चंबल के बाद अब पूरे प्रदेश में इस फर्जीवाड़े की जड़े सामने आ रही हैं।

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संविदा भर्ती में हुआ फर्जीवाड़े का खेल

STF ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से कराए गए सत्यापन के बाद जिन 34 शिक्षकों पर केस दर्ज किया है। उनमें से 20 मालवा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनमें से ज्यादातर इंदौर-सांवेर के मूल निवासी हैं। उनकी पदस्थापना भी इन्हीं क्षेत्र के स्कूलों में है। 

इनमें से अधिकांश को संविदा शिक्षक भर्ती के समय जनपद और जिला पंचायतों से नियुक्ति मिली थी। बाद में तीन साल की संविदा अवधि पूरी होने पर उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित कर दिया गया। 

इन नियुक्तियों में जिला और जनपद पंचायत की जांच समितियों द्वारा सत्यापन में भारी लापरवाही बरतने की पुष्टि हुई है।  शिकायतकर्ता गौरीशंकर जांच में देरी को देखते हुए हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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फर्जी अनुसूची से अब तक 80 बने शिक्षक

संविदा शिक्षक भर्ती में डीएड की फर्जी अंकसूची के सहारे 80 शिक्षकों का सत्यापन हो चुका है। इनमें से करीब दो दर्जन ग्वालियर-चंबल अंचल के हैं। इनके खिलाफ पहले ही अपराध दर्ज किया जा चुका है। 

अब गिरफ्तारी की तैयारी की गई है। मालवा अंचल से भी तीन दर्जन शिक्षक फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए हैं। एसटीएफ ने इनकी पुष्टि की है। इंदौर संभाग में करीब 80 शिक्षक संदेह के दायरे में हैं। इनकी नियुक्ति के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई है। 

20 का सत्यापन और दस्तावेजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। बाकी 60 के दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी शांता सोनी ने कहा कि दस्तावेजों का सत्यापन जारी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल से पुष्टि मिलने के बाद कार्रवाई होगी।

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