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देवास स्थित प्रसिद्ध माता टेकरी मंदिर में हुए विवाद ने अब नया रुख ले लिया है। पहले भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाने वाले पुजारी परिवार ने अब अपने बयान में बदलाव किया है। उनका कहना है कि वे पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और विधायक पुत्र रुदाक्ष निर्दोष है।
11 अप्रैल की रात रुद्राक्ष शुक्ला अपने कुछ साथियों के साथ करीब दर्जन भर वाहनों में माता टेकरी मंदिर पहुंचे थे। आरोप लगाया गया था कि मंदिर के बंद होने के बावजूद उन्होंने जबरन पट खोलने की मांग की, जिससे पुजारी के साथ तीखा विवाद हुआ।
इस घटना के बाद पुजारी परिवार ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें रुद्राक्ष शुक्ला का नाम भी लिया गया था। लेकिन अब पुजारी परिवार ने स्पष्ट किया है कि उन्हें पुलिस द्वारा की गई जांच और कार्रवाई पर भरोसा है और वे इस मामले को लेकर अब संतुष्ट हैं।
पुजारी से मारपीट का मामला
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पुलिस में शिकायत, चार गाडिय़ां जब्त, कांग्रेस ने मांगी क्षमा
शनिवार को मंदिर के पुजारी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ मारपीट की गई और उन्हें स्वयं धमकाया गया। इस घटना के वीडियो फुटेज भी सामने आए हैं।
वहीं पुलिस ने इस मामले में भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला समेत 9 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही, काफिले में शामिल चार कारों को भी वीडियो फुटेज के आधार पर जब्त कर लिया गया है। इन कारों में एक उज्जैन, दो देवास और एक इंदौर की हैं। अब पुलिस कार नंबरों के आधार पर संबंधित मालिकों को पूछताछ के लिए देवास बुलाएगी।
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कांग्रेस नेताओं ने पुजारी से मांगी माफी
मां चामुंडा टेकरी पर पुजारी के साथ हुई मारपीट को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है। सोमवार को कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मंदिर पहुंचकर पुजारी के पैर धोकर उनसे माफी मांगी। इंदौर पुजारी संघ ने आरोपी को तीन दिन के भीतर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही, पुजारियों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाने की मांग भी की जा रही है। इससे पहले शनिवार को पुजाररी परिवार ने कोतवाली थाने में आवेदन देते हुए रुद्राक्ष शुक्ला का नाम लेते हुए मारपीट के आरोप लगाए थे।
चामुंडा माता मंदिर में हुई घटना पर पुजारी ने दी सफाई
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चामुंडा माता मंदिर के पुजारी अशोक नाथ ने हाल ही में हुए विवाद को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि उस रात करीब 12 बजे के बाद लगभग 30 से 40 लोग माता टेकरी पहुंचे थे। नियम के अनुसार, रात 12 बजे मंदिर के दोनों पट बंद कर दिए गए थे। पुजारी का बेटा उपदेश उस समय मंदिर में मौजूद था, लेकिन उसे इन लोगों की पहचान नहीं थी।
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श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन कराए
उपदेश ने सभी श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन कराए और तिलक भी लगाया, लेकिन मंदिर के दरवाजे नहीं खोले। इसी दौरान देवास के जीतू रघुवंशी ने उपदेश से पूछा कि चाबी किसके पास है और कहा कि वह कलेक्टर की अनुमति लेकर आए हैं। उन्होंने पट खोलने की बात कही, लेकिन उपदेश ने नियमों का पालन करते हुए मना कर दिया।
इसके बाद रघुवंशी ने बदतमीजी शुरू कर दी और उपदेश के साथ दुर्व्यवहार किया। पुजारी ने स्पष्ट किया कि विधायक जी के बेटे का इस मामले से कोई संबंध नहीं है — वे तो पहले ही वाहन से नीचे उतरकर चले गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी और जिसने गलत व्यवहार किया, उसके खिलाफ शनिवार को ही उचित कार्रवाई करवा दी गई है।
अशोक नाथ ने कहा कि इंदौर के मठ के साथ हम भी खड़े हैं। अगर हमारी मांग पर कायमी नहीं होती तो हम अभी तक अनशन पर बैठ जाते। पुलिस की कार्रवाई से हम संतुष्ट हैं। जीतू रघुवंशी के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं है। मंदिर के पुजारी के बेटे उपदेश, जिनके साथ कथित मारपीट और बदतमीजी की घटना हुई।
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पूर्व संघ पदाधिकारी ने बदला रुख
भारतीय जनता पार्टी के विधायक गोलू शुक्ला को लेकर रविवार को तीखा रुख अपनाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचार प्रमुख नरेंद्र जैन ने सोमवार को अपने बयान से पलटी मार ली। रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी की ्रकार्यशैली पर सवाल उठाए थे और विधायक के इस्तीफे की मांग की थी।
उन्होंने कहा था— "अगर भाजपा वास्तव में खुद को अलग बताती है, तो उसे सत्ता के मोह में नैतिक मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए। ऐसे मामलों में विधायक का इस्तीफा लिया जाना जरूरी है। सोमवार की शाम को नरेंद्र जैन ने अपने रुख में नरमी लाते हुए स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाए। वे कहते है मैंने एक जागरूक नागरिक के रूप में अपनी राय रखी थी।"
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बीजेपी में हलचल तेज
संघ से जुड़े नरेंद्र जैन, जो पहले सागर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में प्रधानाचार्य रह चुके हैं, एक हालिया विवाद के केंद्र में आ गए हैं। पार्टी से जुड़े सूत्रों से पता चला है कि इस प्रकरण ने दिल्ली स्थित बीजेपी नेतृत्व का ध्यान खींचा है। खबर है कि शीर्ष नेतृत्व ने पूरी जानकारी तलब की है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
इधर कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर हमलावर रुख अपना लिया है। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने यहां तक आरोप लगाया कि रुद्राक्ष नशे की हालत में था, जिससे विवाद और गहराता नजर आ रहा है।
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नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी चर्चा में
जब मीडिया ने इस मामले पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सवाल किया, तो उन्होंने हंसते हुए टालने की कोशिश की और कहा, "अरे छोड़ो यार।" वहीं, मध्यप्रदेश बीजेपी प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "आप सभी समझदार पत्रकार हैं, मुझे यकीन है कि आप हर बात को समझते हैं।"
दिग्विजय सिंह ने धार्मिक स्थलों पर आचरण को लेकर उठाए सवाल:
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कार्यक्रम के दौरान एक हालिया घटना पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, एक जनप्रतिनिधि के पुत्र ने रात करीब साढ़े बारह बजे माता चामुंडा मंदिर के पट खुलवाने की कोशिश की। कहा जा रहा है कि उस समय वह नशे की हालत में थे। जब पुजारी ने मना किया तो कथित तौर पर धमकी दी गई और विवाद हुआ।
सिंह ने बताया कि संबंधित अधिकारी, एसडीएम को आधी रात में फोन कर पट खोलने के लिए दबाव डाला गया। पुजारी को एसडीएम के सहायक द्वारा पट खोलने के निर्देश दिए गए।
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सज्जन वर्मा के तीखे स्वर, बोले - धर्म के नाम पर हो रहा है दिखावा
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने हाल ही की एक घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ लोग धर्म की आड़ में दिखावा कर रहे हैं और धार्मिक परंपराओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह दु:खद है कि भगवान की आराधना और उनकी शांति को भंग किया जा रहा है। धर्म का दिखावा करने वाले इन लोगों ने सनातन परंपरा की मर्यादा को ठेस पहुंचाई है।" उन्होंने आगे कहा, "यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिनके परिवार से जनप्रतिनिधि हैं, वे खुद को सनातनी कहते हैं और फिर भी ऐसी घटनाओं से जुड़े हैं। यह केवल सनातन धर्म का नहीं, बल्कि मां के सम्मान का भी अपमान है।"
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