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Photograph: (thesootr)
MP News: एम्स भोपाल ने भारत की पहली रोगी-विशिष्ट थ्रीडी मॉडल गैलरी बनाने की योजना तैयार की है। यह पहल मेडिकल इलाज और सर्जरी को बेहतर बनाएगी। गैलरी का मकसद जटिल बीमारियों के थ्रीडी मॉडल से शरीर की संरचना को समझना है। यह मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के लिए अध्ययन और सर्जरी की प्रक्रिया को उन्नत करेगा।
एम्स भोपाल की एक नई शुरुआत
एम्स भोपाल ने 2024 में 'कम्प्यूटेशनल थ्रीडी मॉडलिंग एंड प्रिंटिंग लैब' की स्थापना की थी। यह लैब अब पूरे देश में चर्चित हो चुकी है। इसका उद्देश्य डॉक्टरों को मरीजों के शरीर के हूबहू मॉडल तैयार करने में मदद करना है। लैब में पालीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर, उच्च-शक्ति वाले कंप्यूटर और विशेष सॉफ़्टवेयर का उपयोग होता है। यह सर्जरी की योजना बनाने में सहूलियत देगा है।
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देश का पहला रोगी-विशिष्ट थ्रीडी मॉडल गैलरी
एम्स भोपाल की नई गैलरी डॉक्टरों, छात्रों और आम नागरिकों को शरीर के अंगों और बीमारियों की गहरी समझ प्रदान करेगी। गैलरी में विभिन्न जटिल बीमारियों के थ्रीडी मॉडल रखे जाएंगे। इससे मेडिकल शिक्षा और सर्जरी की प्रक्रिया सरल और प्रभावी होगी।
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इस लैब में पहले एक अंतरराष्ट्रीय सिम्पोजियम हो चुका है। इसमें मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की गई थी। अब दो नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। एक कोर्स मैनिट भोपाल के साथ डिजाइन और मेडिकल मॉडलिंग पर आधारित होगा। भविष्य में, मेडिकल और इंजीनियरिंग छात्रों के लिए पीएचडी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
लैब की प्रमुख खूबियां
थ्रीडी मॉडलिंग के माध्यम से सर्जरी की योजना: डॉक्टर ऑपरेशन से पहले मरीज के अंगों का थ्रीडी मॉडल देखकर सर्जरी की योजना बना सकते हैं।
मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए रियलिस्टिक अनुभव: छात्रों को रियल-लाइफ प्रैक्टिस का अवसर मिलेगा।
मरीजों के लिए विज़ुअल समझ: मरीजों को उनकी बीमारी को थ्रीडी मॉडल से समझाने में आसानी होगी।
इंटरेक्टिव सहयोग: डॉक्टरों और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच बेहतर सहयोग की शुरुआत होगी।
भविष्य की योजनाएं
बायोमैकेनिक्स: शरीर की हलचलों का डिजिटल विश्लेषण।
वर्चुअल एनाटॉमी और सर्जरी सिमुलेशन: इसे और अधिक आसान और प्रभावी बनाने की योजना है।
फिनाइट एलिमेंट एनालिसिस: रिसर्च टूल्स पर गहराई से काम करने की योजना है।
प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह का बयान
AIIMS Bhopal के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा कि इस लैब का उद्देश्य चिकित्सा, शिक्षा और शोध के तीनों क्षेत्रों में नई दिशा देना है। भारत की पहली थ्रीडी मॉडल गैलरी का निर्माण एक ऐतिहासिक कदम है, जो भविष्य की मेडिकल ट्रेनिंग को बदल देगा।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 एम्स भोपाल ने देश की पहली थ्रीडी मॉडल गैलरी स्थापित करने की योजना बनाई है। यह गैलरी चिकित्सा उपचार और सर्जरी को सुधारने में मदद करेगी। गैलरी का उद्देश्य जटिल बीमारियों के थ्रीडी मॉडल से शरीर की संरचना को समझना है। यह चिकित्सा शिक्षा और सर्जरी की प्रक्रिया को सरल बनाएगी। 👉 एम्स भोपाल ने 2024 में एक अत्याधुनिक लैब स्थापित की है। इसका उद्देश्य डॉक्टरों को मरीजों के शरीर के हूबहू थ्रीडी मॉडल तैयार करने में मदद करना है। लैब में पालीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर, उच्च-शक्ति वाले कंप्यूटर और विशेष सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी की योजना को आसान बनाता है। 👉 नई गैलरी में विभिन्न जटिल बीमारियों के थ्रीडी मॉडल रखे जाएंगे। इससे डॉक्टरों, छात्रों और आम नागरिकों को शरीर के अंगों और बीमारियों को समझने में मदद मिलेगी। यह चिकित्सा शिक्षा और सर्जरी को प्रभावी बनाएगा। 👉लैब में भविष्य में बायोमैकेनिक्स, वर्चुअल एनाटॉमी, सर्जरी सिमुलेशन और फिनाइट एलिमेंट एनालिसिस शुरू होंगे। मेडिकल और इंजीनियरिंग छात्रों के लिए पीएचडी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। |
एम्स भोपाल में 3D मॉडल गैलरी
एम्स भोपाल 3D मॉडल गैलरी बनाने के लिए एक हाईटेक लैब स्थापित कर रहा है। लैब में पालीजेट डिजिटल एनाटॉमी प्रिंटर, हाई-पावर कंप्यूटर और विशेष सॉफ्टवेयर होंगे। यह लैब 3D मॉडल बनाने और प्रिंट करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करेगी। इससे सटीक और विस्तृत मॉडल तैयार किए जा सकेंगे।
कैसे यूज होगा 3D मॉडल गैलरी का ?
डॉक्टर: 3D मॉडल का उपयोग करके सर्जरी से पहले योजना बना सकते हैं। वे जटिलताओं का अनुमान लगा सकते हैं और सर्जरी के दौरान मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
छात्र: 3D मॉडल का उपयोग करके, छात्र मानव शरीर की संरचना और बीमारियों को बेहतर समझ सकते हैं। इससे उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से सीखने में मदद मिलती है।
मरीज: 3D मॉडल का उपयोग करके, मरीज अपनी बीमारी और उपचार विकल्पों को बेहतर समझ सकते हैं। इससे वे अपने स्वास्थ्य के बारे में अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं।
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