सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई से पहले दक्षिण भारतीय वकील के घर बैठक

मध्‍य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 24 सितंबर से शुरू हो रही सुनवाई से पहले शनिवार को दिल्ली में विधि विशेषज्ञ और जानकारों की अहम बैठक हुई है।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
obc
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 24 सितंबर से शुरू होने वाली सुनवाई से पहले सरकार ने अपनी तैयारी को आखिरी जामा पहना दिया है। इस मामले में सरकार की तैयारियों को लेकर शनिवार देर शाम दिल्ली में विधि विशेषज्ञ और कानून के जानकारों की अहम बैठक हुई। 

केंद्र सरकार के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.विल्सन के आवास पर हुई बैठक में मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के साथ मंत्रणा की है। बताया जा रहा है अब सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर होने वाली सुनवाई में पी.विल्सन मध्य प्रदेश सरकार का पक्ष रखेंगे।

इस केस में पी.विल्सन को वकील नियुक्त करने का प्रस्ताव भोपाल में हुई बैठक के दौरान ओबीसी महासभा की ओर से शामिल सदस्यों ने रखा था। माना जा रहा है प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में हुई फजीहत के बाद ओबीसी महासभा की ओर से आए प्रस्ताव को गंभीरता से लिया है। 

सरकार की दिल्ली में तैयारी

ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार भारी दबाव में है। हाईकोर्ट से इससे संबंधित सभी प्रकरण सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने और सभी पर एक साथ नियमित सुनवाई तय होने से यह दबाव और बढ़ गया है। इधर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने और 13 फीसदी पद अनहोल्ड करने की बढ़ती मांग भी सरकार की परेशानी बनी हुई है।

प्रदेश सरकार के वकील भी अब तक इस मामले में कोई कारगर पैरवी नहीं कर पाए हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने दिल्ली में तैयारी तेज कर दी है। शनिवार को मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों ने डीएमके के राज्यसभा सांसद और केंद्र के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.विल्सन के आवास पर बैठक की है। इस बैठक में मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह की टीम के सदस्य धीरेन्द्र परमार, नीलेश यादव, मृणाल एलकर व अन्य विधि विशेषज्ञ मौजूद रहे।

ये खबरें भी पढ़िए :

सरकार की बेरुखी से लाचार समाज कल्याण बोर्ड नहीं कर पाए अपना ही कल्याण

पितृपक्ष का समापन सूर्यग्रहण के साथ, भारत में नहीं दिखेगा, जानें कहां दिखेगा

वकील की नियुक्ति पर चर्चा

सरकार सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लिए पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.विल्सन और शशांक रतनू की नियुक्ति की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है शनिवार को हुई बैठक में इसको लेकर अंतिम चर्चा हो गई है और जल्द ही उनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।

पी.विल्सन के नाम का प्रस्ताव भोपाल में हुई सर्वदलीय बैठक में ओबीसी महासभा के सदस्यों की ओर से सामने आया था। वहीं बार- बार अपना पक्ष कमजोर रहने से अब सरकार अपने वकीलों पर भरोसा नहीं कर पा रही है।  

पी.विल्सन दक्षिण भारत में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में ओबीसी को आरक्षण दिलाने को लेकर बड़ी कानूनी लड़ाई लड़ चुके हैं। इसी वजह से ओबीसी महासभा के सदस्यों ने उनके नाम का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। 

ये खबरें भी पढ़िए :

एमपी के पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया को BCCI ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, जानें कैसा रहा करियर

Film Homebound: भोपाल से ऑस्कर तक का सफर, एमपी को मिली ग्लोबल पहचान

बैठक में नहीं पहुंचे महाधिवक्ता

एक ओर ओबीसी आरक्षण सरकार के गले की फांस बना हुआ है, वहीं सुप्रीम कोर्ट का रुख भी सख्त बना हुआ है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण जैसे अहम मसले पर शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में भी सरकार के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह शामिल नहीं हुए।

ओबीसी महासभा ने महाधिवक्ता के बैठक में नहीं पहुंचने पर भी नाराजगी जताई है। ओबीसी आरक्षण को लेकर लगातार संघर्षरत कमलेन्द्र सिंह ने भी अहम बैठक में सरकार की ओर से ओबीसी पक्ष को सूचना न देने पर आपत्ति दर्ज कराई है।

हाईकोर्ट के वकील वरुण ठाकुर का कहना है सरकार ने इस मसले के निराकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। सभी से राय भी ली लेकिन सबकी सहमति के बाद अब सरकार का रुख बदल गया है। दिल्ली में दो बार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से गुपचुप बैठक कर ली गई इसके बारे में किसी को अवगत भी नहीं कराया।

be indian-buy indian
Photograph: (the sootr)

भोपाल दिल्ली हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट महाधिवक्ता प्रशांत सिंह सॉलिसिटर जनरल ओबीसी महासभा ओबीसी आरक्षण
Advertisment