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आमीन हुसैन @.रतलाम
पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप Meta Trades 5 Pro के माध्यम से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें सोनम परदेशी और आरती सोनकर प्रमुख हैं। आरोपियों ने 1 लाख लोगों का डाटा चुराकर उन्हें ट्रेडिंग के नाम पर ठगा। इस मामले में लगभग 5 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन की जानकारी सामने आई है। पुलिस अब सॉफ्टवेयर डेवलपर और गिरोह के अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। इस मामले का खुलासा रतलाम एसपी अमित कुमार की टीम द्वारा किया गया है, और इसके तहत ठगी का तरीका और आरोपियों की गतिविधियों की पूरी जानकारी सामने आई है।
Meta Trades 5 Pro ऐप का खुलासा
भारत में बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में एक और बड़ा मामला सामने आया है। रतलाम पुलिस ने Meta Trades 5 Pro नामक ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों से पैसे ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस ऐप के जरिए धोखाधड़ी करने वालों ने लोगों को झांसा दिया और उनके डिमैट अकाउंट से पैसे उड़ा लिए। फरियादी पुष्कर पाटीदार ने 4 मार्च 2025 को इस ऐप के माध्यम से ट्रेडिंग के नाम पर करीब 7 लाख 11 हजार 250 रुपए की ठगी की शिकायत दी थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई शुरू की।
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गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
रतलाम पुलिस ने जांच के दौरान 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोनम परदेशी (भोपाल), आरती सोनकर (इटारसी), दिनेश शर्मा (शिवपुरी), राज जोशी (चाचोड़ा, गुना), फिरोज पठान (देवास) और मोइन खान (देवास) शामिल हैं। इन आरोपियों ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। सोनम परदेशी मुख्य सरगना मानी जाती है, जिसने आरती और फिरोज के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।
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ठगी की तकनीक और प्रक्रिया
आरोपियों ने Meta Trades 5 Pro ऐप का सर्वर डेवलपर से 55 हजार रुपए में खरीदा था। इसके बाद सोनम और आरती ने चुराए गए 1 लाख लोगों के डाटा के आधार पर फिशिंग के जरिए लोगों से संपर्क किया और उन्हें ट्रेडिंग के लिए आकर्षित किया। आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को लिंक भेजकर उनके डिमैट अकाउंट से पैसे जमा कराए। फिर उन्होंने शेयरों की कीमत को मनमाने तरीके से घटा-बढ़ाकर कस्टमर्स के पैसे निकाल लिए और उन्हें लाभ का झांसा दिया।
पुलिस का एक्शन
पुलिस ने आरोपियों से हिकमत अमली और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, जिससे मामले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने कस्टमर्स के निवेश को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। यदि किसी कस्टमर ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उनका शेयर मूल्य घटा दिया गया और उनकी ट्रेडिंग आईडी को बंद कर दिया गया। इस प्रकार आरोपियों ने करीब 5 करोड़ रुपए की ठगी की।
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ट्रांजेक्शन और डाटा
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि इन आरोपियों के पास लगभग 5 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। इसके अलावा, यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी पहले शेयर ट्रेडिंग कंपनियों में काम करते थे, जिनके बंद होने के बाद इन्होंने कंपनी का 1 लाख लोगों का डाटा चुराया था। अब पुलिस इस डाटा के माध्यम से और भी आरोपियों की तलाश कर रही है, जिनका इस धोखाधड़ी में हाथ हो सकता है।
गिरोह का सरगना
जांच में यह भी सामने आया कि फिरोज पठान और मोइन खान गिरोह के मुख्य सरगना हैं। इनकी तलाश अब पुलिस की प्राथमिकता है। रतलाम पुलिस ने इन आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के बाद पीआर (पुलिस रिमांड) प्राप्त कर लिया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं और इस धोखाधड़ी के मामले में जल्द ही और आरोपी पकड़े जा सकते हैं।
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