रतलाम. मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के पीपलीपाड़ा गांव में जहरीली चाय पीने से एक ही परिवार के छह लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। इनमें से तीन साल की मासूम बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़ितों के अनुसार, उन्होंने बिना दूध की काली चाय पी थी, जिसके बाद सभी को चक्कर, उल्टी और पेट दर्द शुरू हो गया। फिलहाल पुलिस और मेडिकल टीम इस मामले की जांच कर रही हैं कि चाय में जहर था या कोई अन्य कारण।
यह है पूरा मामला
रतलाम जिले के पीपलीपाड़ा गांव में 18 फरवरी की सुबह 60 वर्षीय बेरमबाई ने चाय बनाई, जिसे पूरा परिवार पी रहा था। चाय पीने के कुछ ही देर बाद उनके पति, पोती, पौत्रवधू, देवर और एक अन्य महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी को चक्कर, उल्टी और पेट दर्द होने लगा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
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इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ा
तीन साल की प्रियंका, जो सबसे ज्यादा बीमार थी, को तुरंत मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने उसकी हालत को बेहद गंभीर बताया था। अन्य पीड़ितों का अस्पताल में इलाज जारी है।
जहरीली चाय या फूड पॉइजनिंग का मामला ?
पीड़ित परिवार ने बताया कि वे हमेशा बिना दूध की काली चाय पीते हैं और चाय के अलावा कुछ भी संदिग्ध नहीं खाया था। घटना से एक रात पहले उन्होंने तुअर दाल और मक्के की रोटी खाई थी। पुलिस अभी जांच कर रही है कि क्या वाकई चाय में कोई जहरीला पदार्थ था या यह फूड पॉइजनिंग का मामला है।
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पोस्टमार्टम से ही पता चलेगा असली कारण
डॉक्टरों ने उल्टी, ब्लड और यूरिन के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण का पता चल सकेगा। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और फिलहाल इसे संदिग्ध फूड पॉइजनिंग मान रही है।
पुलिस जांच में जुटी, जल्द होगा खुलासा
पुलिस ने परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं और आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पीड़ितों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
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