रिटायर सैनिक ने की लोगों से 4 करोड़ की ठगी, नौकरी दिलाने के नाम पर लगाया चूना, जानें क्या है पूरा मामला
जबलपुर पुलिस ने सेना से रिटायर्ड हुए एक जवान को लोगों से ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पकडे़ गए आरोपी द्वारा सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी। ठगी की रकम 4 करोड़ तक बताई जा रही है।
भारतीय सेना से रिटायर हुए सेना के एक जवान राजेश कुमार राजभर ने सेना के अधिकारियों से जान पहचान और संपर्को का इस्तेमाल कर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया है। सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर यह लोगों से रुपए ऐठता था।
इस फर्जीवाडे़ का खुलासा होने के बाद सेना और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में यह ठगी 4 करोड़ रुपए से अधिक की बताई जा रही है।
2016 में हुआ रिटायर, फिर शुरू हुआ फर्जीवाड़ा
राजेश कुमार राजभर ने 1997 में सेना ज्वाइन की और कई राज्यों में सेवा दी। 2013 में मध्यप्रदेश के जबलपुर मिलिट्री अस्पताल में पोस्टिंग मिली, जहां उसका कई अधिकारियों से परिचय हुआ।
2016 में रिटायर होते ही उसने ऐसे लोगों से संपर्क करना शुरू किया जो भारतीय सेना भर्ती या सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक थे। उसने मिलिट्री अस्पताल, हेड क्वार्टर एरिया जबलपुर, 506 वर्कशॉप जैसी जगहों पर भर्ती का झांसा देकर कई लोगों से लाखों रुपए ऐंठे।
अगस्त 2024 में जबलपुर के व्यापारी रोहित गुप्ता राजेश के संपर्क में आए। राजेश ने रोहित की पत्नी पूजा को वार्ड सहायिका की पोस्ट पर भर्ती का लालच देकर 6.35 लाख रुपए ठग लिए।
इस मामले में रोहित ने अपनी जान पहचान के अन्य 9 लोगों को भी ठग राजेश से मिलवाया। इन लोगों से भी राजेश ने नौकरी लगवाने के नाम पर 50 लाख से अधिक की ठगी को अंजाम दिया। राजेश ने फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार किए, जिन पर सेना के कमांडेंट के नाम से हस्ताक्षर और HQ MB AREA JABALPUR की नकली सील थी।
लंबे इंतजार के बाद भी जब रोहित की पत्नी पूजा गुप्ता की नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने इस मामले की छानबीन प्रारंभ की। रोहित के भाई ने जांच के बाद ज्वाइनिंग लेटर को फर्जी बताया। इसके बाद यह लोग सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस के पास पहुंचे, जिससे इस पूरे फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ।
सेना में नौकरी के नाम पर की गई इस ठगी को ऐसे समझें
Photograph: (the sootr)
रिटायर्ड जवान का फर्जीवाड़ा: 19 साल सेना में नौकरी के बाद राजेश कुमार राजभर ने सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर 50+ लोगों से करीब 4 करोड़ रुपए ठगे।
फर्जी नियुक्ति पत्र: HQ MB AREA JABALPUR की नकली सील और कमांडेंट के नाम से हस्ताक्षर कर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी किए।
शिकार कैसे फंसे: पीड़ितों को मिलिट्री अस्पताल और मेस हाउस ले जाकर अधिकारियों से पहचान होने का झांसा दिया।
जांच में खुलासा: पैसे अपने या भतीजे के खाते में मंगवाता था, कई पीड़ितों को वार्ड सहायिका, LDC और मैसेंजर जैसी पोस्ट का झूठा ऑफर मिला।
कार्रवाई: मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने दस्तावेज जब्त किए, कोर्ट से 3 दिन की रिमांड मिली, और अधिकारियों की संलिप्तता की जांच जारी है।
राजेश ने ऐसे बनाया लोगों को बेवकूफ
एक बार रुपए लेने के बाद ठग राजेश लोगों को अलग-अलग प्रकार से बेवकूफ बनाता था। नौकरी की पूछने पर वह लोगों को मिनिट्री मेस के गेट तक ले जाता था, यहां दूर से सेना के अधिकारियों को दिखाकर नौकरी मिलने का भरोसा दिलाता था।
उसने सेना कार्यालय के बाहर एक खंबे पर नकली ज्वाइनिंग लिस्ट तक चिपका दी थी, जिसे वह ठगे गए लोगों को दिखाकर लखनऊ में मेडिकल टेस्ट के बाद नौकरी पक्की होने का आश्वासन देता था।
सेना के रिटायर जवान द्वारा कई लोगों को ठगने का काम किया। रोहित-पूजा गुप्ता की शिकायत के बाद उजागर हुए इस मामले में अब कई अन्य शिकार हुए लोग भी सामने आ रहे है। एक अन्य पीडित अरविंद्र कोल ने पुलिस को बताया कि ठग राजेश ने उससे भी अनुकंपा नियुक्ति दिलवाने के नाम पर 5 लाख रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया है, लेकिन नौकरी आज तक नहीं मिली है।
इधर जबलपुर पुलिस के पास कई अन्य ठगे गए लोगों ने भी संपर्क किया है, जिससे ठगी गई रकम 4 करोड़ तक पहुंचने की संभावनाएं पुलिस जता रही है।
4 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी
मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने शुरुआती जांच में 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की ठगी की बात कही, लेकिन शिकायतकर्ताओं के अनुसार यह आंकड़ा करीब 4 करोड़ है।
सेना ने आरोपी से नकली दस्तावेज और सील बरामद की है और जांच की जा रही है कि इन्हें कैसे बनाया और कहां-कहां इस्तेमाल किया गया। रांझी थाना पुलिस ने राजेश को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड ली है। लगातार पूछताछ जारी है और आशंका है कि कुछ और भी लोग व अधिकारी भी इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं।