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Photograph: (Left to right-BJP Mla Dilip singh parihar, mantri Kailash vijayavargiya and Khel mantri vishvash saarang)
BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन रोचक मामला सामने आया। नीमच से भाजपा विधायक दिलीप सिंह परिहार ने अपनी ही सरकार की खेलनीति पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने खिलाड़ियों की उपेक्षा और पलायन को लेकर सरकार पर आरोप लगाया।
भाजपा विधायक के आरोपों का नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समर्थन किया और कुश्ती का उदाहरण दिया। अपनी ही पार्टी के विधायक और मंत्री के सवालों ने खेल मंत्री विश्वास सारंग को असहज कर दिया।
उन्होंने खिलाड़ियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की सदन में जानकारी दी। साथ ही कहा कि अभी प्रदेश की सरकारी नौकरियों में फिलहाल बोनस अंक देने की कोई योजना नहीं है। ओलंपिक तक जाने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने की योजना है।
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कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब का उदाहरण
विधायक दिलीप सिंह परिहार ने अपनी बात के समर्थन में कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में नेशनल खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में 10 अतिरिक्त अंक मिलते हैं।
उनका सवाल था कि क्या मध्य प्रदेश में भी ऐसी कोई व्यवस्था होगी। ऐसी योजना से यहां के खिलाड़ी भी प्रोत्साहित हो सकें और उनका पलायन रुक सके।
मध्यप्रदेश की खेलनीति और सदन में सवाल को ऐसे समझेंखिलाड़ियों का पलायन:मप्र के खिलाड़ी उपेक्षा के कारण राज्य छोड़कर अन्य राज्यों में जा रहे हैं, बेहतर अवसर की तलाश में। भाजपा विधायक परिहार का आरोप: अन्य राज्यों में खिलाड़ियों को नौकरी में 10 अतिरिक्त अंक मिलते हैं, मप्र में यह व्यवस्था नहीं है। कैलाश विजयवर्गीय का समर्थन: विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने खुद देखा है कि मप्र के खिलाड़ी दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। खेल मंत्री विश्वास सारंग का बयान: ओलंपिक खिलाड़ियों को गजटेड अधिकारी बनाने की प्रक्रिया चल रही है, बोनस अंक योजना नहीं है। मुख्यमंत्री युवा शक्ति योजना: मुख्यमंत्री योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में स्टेडियम बनाने की योजना से खिलाड़ियों को सुविधाएं मिलेंगी। |
पलायन कर रहे हैं खिलाड़ी
परिहार ने आरोप लगाया कि खिलाड़ियों का प्रोत्साहन नहीं मिलने से उनका पलायन हो रहा है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने परिहार की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कुश्ती के मामले में मैंने ऐसा देखा है कि हमारे खिलाड़ी दूसरे राज्यों में चले जाते हैं।
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राजपत्रित अधिकारी बनेंगे ओलंपिक खिलाड़ी
जवाब में खेल मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि ओलंपिक खेलने वाले मप्र के खिलाड़ियों को राज्य में गजेटेड ऑफिसर बनाने की योजना जारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अन्य सरकारी नौकरियों में फिलहाल बोनस अंक देने की कोई योजना नहीं है।
अलबत्ता,विक्रम अवार्डी और अन्य खिलाड़ियों के मामले में सरकार काम कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा शक्ति योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्टेडियम बनने की बात भी कही।
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