विधानसभा में लगा सवाल तब मिली सीहोर के 2 हजार श्रमिकों की मजदूरी

सीहोर के दो हजार श्रमिकों को उनका लंबे समय से मजदूरी भुगतान मिल गया है। यह करीब आठ करोड़ रुपए की रकम थी, जो कई महीनों से लंबित थी। विधानसभा में सवाल उठने के बाद यह भुगतान हुआ।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (the sootr)

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BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा में सवाल लगने के बाद सीहोर के दो हजार श्रमिकों को उनका भुगतान मिल सका। सरकारी काम के लिए मजदूरी की यह रकम करीब आठ करोड़ रुपए है। जो कई महीनों से लंबित थी।

सीहोर जिले के श्रमिकों के लंबित भुगतान का मुद्दा विधानसभा में उठा। विपक्ष के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने यह मामला सदन में उठाया था। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने भी इस पर ध्यानाकर्षण सूचना दायर की थी।

वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने इस पर सदन में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को उनकी मज़दूरी का भुगतान कर दिया गया है। भुगतान 17 नवंबर और 26 नवंबर को श्रमिकों को जारी किया गया था।

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ध्यानाकर्षण सूचना के बाद हुआ भुगतान

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मंत्री के जवाब पर असंतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि उनकी ध्यानाकर्षण सूचना के बाद ही यह भुगतान हो सका। यह काम तो समय रहते भी किया जा सकता था, पहले क्यों नहीं किया गया? श्रमिकों को उनकी मजदूरी समय पर न देकर परेशान किया गया है, यह गलत है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मज़दूरी का भुगतान समय पर मिले। इस विलम्ब से बचने के लिए ज़रूरी व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।

श्रमिकों की मजदूरी और विधानसभा में जवाब को ऐसे समझें 

  • सीहोर के 2,000 श्रमिकों को मिली लंबित मजदूरी, जो लगभग आठ करोड़ रुपए थी, जो कई महीनों से अटकी हुई थी।
  • विधानसभा में सवाल उठाने के बाद श्रमिकों को उनका भुगतान किया गया। विपक्षी नेता अजय सिंह और डॉ. हीरालाल अलावा ने इसे उठाया था।
  • वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि श्रमिकों को 17 और 26 नवंबर को उनका भुगतान किया गया।
  • बड़वानी में भी मजदूरी का भुगतान लंबित है, जहां करीब 1.07 करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी बाकी है।
  • खाता बदलने की प्रक्रिया में देरी हुई, लेकिन अब भुगतान सीधे केंद्र सरकार से श्रमिकों के खातों में जाएगा।

बड़वानी में भी एक करोड़ रुपए बकाया

बड़वानी जिले में मज़दूरी की बड़ी रकम अटकने का मामला सामने आया। जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले आदिवासियों ने प्रदर्शन किया था। उनके प्रभावी प्रदर्शन के बाद भुगतान प्रक्रिया फिर से शुरू की गई। हालांकि, वर्तमान में भी 1.07 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित बताया जा रहा है।

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खाता बदलने की प्रक्रिया से आई रुकावट

जिला पंचायत सीईओ काजल जावला ने इस देरी पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि स्टेट नोडल अकाउंट (SNA) में कुछ बदलाव के चलते यह स्थिति पैदा हुई थी। जावला ने कहा कि 15 नवंबर तक का भुगतान श्रमिकों को किया जा चुका है। अब SNA के तहत भुगतान राशि सीधे केंद्र सरकार से आएगी।

यह राशि श्रमिकों के खातों में जमा हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एक बगिया मां के नाम योजना में तेज़ी से काम हुआ। बड़वानी में बड़े पैमाने पर कार्य होने से राशि बढ़ी है। बीते पखवाड़े में ही एक करोड़ से अधिक की मज़दूरी लंबित थी।

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