संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर स्वाद और स्वच्छता की नगरी है, यहां की सराफा चौपाटी (Sarafa Chowpatty) के व्यंजन की बात ही अलग है। यह कहना है पीएम नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) का, जो उन्होंने प्रवासी दिवस के आयोजन पर कही थी। अब मोदी की पसंद की यही चौपाटी को लेकर सुरक्षा का खतरा आ गया है और इस विरासत के शिफ्ट होने की तैयारी है। सराफा चौपाटी में सुरक्षा इंतजामों को लेकर गठित समिति ने सोमवार को सराफा सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन और चाट चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन के साथ बैठक की। उन्हें बताया कि चौपाटी के कारण सराफा खतरे में है।
शिफ्ट करने के आए सुझाव, तीन जगह के विकल्प
बैठक में इसे शिफ्ट करने को लेकर विकल्प के सुझाव भी आए हैं, इसमें मुख्य तौर पर लालबाग, हरसिद्धि और संजय सेतु का विकल्प आया है। अब समिति इन विकल्पों पर भी जाकर दौरा करेगी और इसके बाद अपनी रिपोर्ट देगी। व्यापारियों का कहना है कि पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए हमने जगह दी थी, लेकिन अब वास्तव में वहां भीड़ बढ़ गई है। हमें भी जानमाल की चिंता है। इसे शिफ्ट करना चाहिए। सराफा व्यापारियों ने चौपाटी की दुकानों के लिए ओटले उपलब्ध नहीं करवाने, चौपाटी हटाने की लिखित सहमति दी।
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इसलिए है यहां पर खतरा
समिति अध्यक्ष व एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर ने कहा कि चौपाटी के वक्त पैर रखने की जगह नहीं है। ढेरों भट्टियां, गैस, तेल सब रहता है। चाट-चौपाटी एसो. को कहा कि आप जगह ढूंढ़कर हमें बताएं। सराफा के नाम से ही वहां इसे शिफ्ट कर देंगे। बैठक में समिति सदस्य निरंजनसिंह चौहान, अश्विन शुक्ला मीता रामबाबू राठौर और दोनों एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
सघन गलियां, फायर ब्रिगेड तक जाने का रास्ता नहीं
चौपाटी की दुकानों में पहले बाहर से बना खाना लाकर बेचा जाता था, लेकिन अब दुकानदार वहीं पर इसे बनाते हैं। इसके लिए दुकानें लगाने-बंद करने, गैस की टंकी को लगाने-निकालने का काम किया जाता है। इससे गैस रिसने का खतरा बना रहता है। गली छोटी व संकरी होने और भीड़ अधिक होने से दुपहिया वाहनों के चलने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। फायर ब्रिगेड वाहन पहुंचना भी संभव नहीं होगा। चौपाटी के लिए गैस की लाइन बिछाना भी संभव नहीं है।
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रहवासी भी इसलिए हैं परेशान
सराफा चौपाटी का समय रात 9 बजे है लेकिन व्यापारी दुकान लगाने के लिए शाम को 7 बजे पहुंचते है। उधर सराफा व्यापारी रात 9 बजे तक दुकान पर रहते है। इससे अनावश्यक रूप से वहां भीड़ बढ़ जाती है। पार्किंग की समस्या निर्मित होती है। चौपाटी बंद करने का समय पहले रात 11.30 बजे था, लेकिन बाद में इसे रात को 2 बजे कर दिया गया।
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80 दुकानें रजिस्टर्ड, बाकी अवैध हैं
चौपाटी व्यापारी एसो. ने बताया कि 80 दुकानदार रजिस्टर्ड हैं। मोरसली गली तक लगने वाली दुकानें उनके एसोसिएशन की हैं। बाकी दुकानें अवैध हैं। सुझाव दिया कि इलेक्ट्रिक, इंडक्शन का उपयोग किया जाएगा। अभी निर्धारित लाइन के आगे 5 फुट तक दुकानें लगती हैं। इन्हें पीछे किया जाए तो 10 फीट तक सड़क चौड़ी हो सकती है।