संजय गुप्ता, INDORE. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कर सुधार का सबसे अहम कदम था फेसलेस अपील सिस्टम (faceless appeal system), लेकिन अब इस पर सवाल उठ गए हैं। एक अपील छह साल से आयकर विभाग में आदेश के लिए अटकी हुई है। इस पर याचिकाकर्ता करदाता ने हाईकोर्ट इंदौर में याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने नेशनल फेसलेस अपील सेंटर प्रिंसीपल चीफ कमिशनर दिल्ली को आदेश दिया है कि चार सप्ताह में इस मामले में स्पष्ट आदेश जारी करें। करदाता ने इसमें सीबीडीटी और नेशनल फेसलेस अपील सेंटर दोनें को पक्षकार बनाया था(income tax faceless system Questions)।
ये खबर भी पढ़िए.. पुलिस में निकली बंपर भर्तियां, 12वीं पास है योग्यता, ऐसे करें आवेदन
ये खबर भी पढ़िए.. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आई अच्छी खबर, जानें
यह है मामला
करदाता कोमल टेकचंदानी ने हाईकोर्ट को बताया कि 29 दिसंबर 2017 में उनके साल 2010-11 एसेसमेंट ईयर का एसेसमेंट हुआ और इंकमटैक्स ने 1.37 करोड़ रुपए आय मानते हुए 85 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई। करदाता ने 2018 में कमिशनर इंकमटैक्स के पास अपील की और जवाब पेश कर दिया। इसी दौरान केंद्र ने फायनेंस एक्ट 2020 लागू करते हुए फेसलेस अपील सेंटर लागू कर दिया और मेरी अपील जनवरी 2021 में यहां शिफ्ट हो गई। इसके बाद सुनवाई हो चुकी है लेकिन अभी तक मेरी अपील पर आदेश नहीं हुआ है।
ये खबर भी पढ़िए.. MP बीजेपी में शामिल कांग्रेस के कुछ ही नेताओं की बल्ले-बल्ले
ये खबर भी पढ़िए.. जोर-शोर से शुरू हुई मप्र पुलिस की साप्ताहिक अवकाश व्यवस्था 6 महीने में ही खत्म
हाईकोर्ट ने पाया 6 साल से लंबित है अपील
करदाता ने कहा कि एक साल में अपील का निर्धारण हो जाना चाहिए, ऐसा इंकमटैक्स एक्ट में ही प्रावधान है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि अपील एक-दो नहीं बल्कि साल 2018 से लंबित होकर छह साल हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि नेशनल फेसलेस अपील सेंटर इस मामले में आर्डर कॉपी मिलने के चार सप्ताह में स्पष्ट फैसला जारी करे।