मोहन सरकार ने सितंबर महीने में तीसरी बार लिया तीन हजार करोड़ का कर्ज

मोहन सरकार ने दशहरा पर्व से पहले रिजर्व बैंक से 3,000 करोड़ का कर्ज लिया है। सितंबर में अब तक 10,000 करोड़ का कर्ज लिया जा चुका है। कुल कर्ज बढ़कर 459,640.27 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL.मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए फिर से रिजर्व बैंक से 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज विशेष रूप से दशहरा पर्व से पहले लिया गया है। सरकार ने सितंबर महीने में 10,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिसमें से 3,000 करोड़ का कर्ज आज यानी 30 सितंबर 2025 को लिया गया। इस कर्ज का भुगतान ब्याज के रूप में 20 से 23 वर्षों की अवधि में किया जाएगा। इस कर्ज से राज्य सरकार पर कुल कर्ज 459,640.27 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

3,000 करोड़ रुपए का कर्ज

रिजर्व बैंक से मोहन सरकार कर्ज ने 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिसमें से 1,500 करोड़ रुपए का ब्याज 20 वर्षों में और दूसरे 1,500 करोड़ रुपए का ब्याज 23 वर्षों में चुकाया जाएगा। यह कर्ज सरकार के लिए वित्तीय व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को बनाए रखने में मदद करता है।

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सितंबर में 10,000 करोड़ का कर्ज

सितंबर माह में कुल 10,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है। 9 सितंबर को 4,000 करोड़ रुपए के तीन कर्ज लिए गए थे, जबकि 23 सितंबर को 1,500-1,500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे। इस तरह सितंबर में यह सरकार का तीसरा कर्ज था।

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कर्ज का बढ़ता आंकड़ा

सितंबर के अंत तक राज्य सरकार पर कुल कर्ज का आंकड़ा 459,640.27 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। 23 सितंबर की स्थिति में यह राशि 456,640.27 करोड़ थी। इस कर्ज के बावजूद सरकार ने यह दावा किया है कि यह कर्ज की लिमिट के भीतर लिया गया है।

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चालू वित्त वर्ष में लिया गया कर्ज

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक राज्य सरकार ने 37,900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह दर्शाता है कि सरकार ने इस वर्ष भी कर्ज लेने का सिलसिला जारी रखा है।

रेवेन्यू सरप्लस का आंकड़ा

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12,487.78 करोड़ रुपए के रेवेन्यू सरप्लस का आंकड़ा प्रस्तुत किया है। इस दौरान राज्य की आमदनी 2,34,026.05 करोड़ रुपए रही, जबकि खर्च 2,21,538.27 करोड़ रुपए था। यह दर्शाता है कि सरकार ने अपने खर्च और आमदनी में संतुलन बनाए रखा।

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2024-25 के लिए रिवाइज्ड आमदनी और खर्च

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 2,62,009.01 करोड़ रुपए और खर्च 2,60,983.10 करोड़ रुपए रखा गया है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार का खर्च आमदनी के काफी करीब रहेगा। पिछले वर्ष के मुकाबले 1,025.91 करोड़ रुपए का सरप्लस भी प्राप्त हुआ है।

लोन की लिमिट के भीतर कर्ज

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो कर्ज लिया जा रहा है, वह कर्ज की लिमिट के भीतर लिया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि सरकार का कर्ज स्थिर रूप से बढ़ रहा है, लेकिन निर्धारित सीमा के भीतर ही है।

सरकार द्वारा पहले लिए गए कर्ज

8 जुलाई को सरकार ने 2500 और 2300 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए। दोनों कर्ज आरबीआई के माध्यम से 16 और 18 साल के लिए लिए गए। ब्याज का भुगतान साल में दो बार कूपन रेट के जरिए होगा।

4 जून को सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का पहला कर्ज 16 साल के लिए लिया। इसका ब्याज 4 जून 2041 तक चुकाया जाएगा। दूसरा कर्ज 2500 करोड़ रुपए का था, जो 18 साल के लिए लिया गया। इसका भुगतान 4 जून 2043 तक किया जाएगा।

7 मई को सरकार ने 5000 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए। पहला कर्ज ढाई हजार करोड़ रुपए का था, जो 12 साल के लिए लिया गया। इसका ब्याज 7 मई 2037 तक चुकाया जाएगा। दूसरा कर्ज 14 साल के लिए था, जिसका ब्याज 7 मई 2039 तक चुकाना है।

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