एक्शन में मोहन सरकार! चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से VN अंबाड़े को हटाया

बांधवगढ़ टाइगर में 11 हाथियों की मौत के कारण काफी चर्चा में है। अब मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने वाइल्ड लाइफ वार्डन वीएन अंबाड़े को हटा दिया है।

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Raj Singh
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हाल ही में मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व सुर्खियों में है। इसकी वजह यहां 11 हाथियों की मौत है। अब इस मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वीएन अंबाड़े को हटा दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार देर शाम उन्हें इस पद से हटा दिया। अंबाड़े को वन विकास निगम में एमडी बनाया गया है। अब उनकी जगह वित्त एवं बजट शाखा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभरंजन सेन को नया वाइल्ड लाइफ वार्डन बनाया गया है।

बता दें कि 16 महीने में यह दूसरी बार है जब जंगली जानवरों की मौत को लेकर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को हटाया गया है। इससे पहले तत्कालीन चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान को 6 चीतों की मौत को लेकर इस पद से (17 जुलाई 2023) हटाया गया था।

अंबाड़े पर एक्शन या प्रमोशन?

इस मामले में अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल इसे अंबाड़े की प्रमोशन बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंबाड़े को प्रमोशन किया गया है। वन बल प्रमुख बनने से पहले वन विकास निगम में भी काम करना होता है। इसलिए उनकी पोस्टिंग को हाथी की मौत के मामले से जोड़ना गलत है। इस पूरे कनेक्शन को देखते हुए सूत्रों का कहना है कि राज्य के वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव जुलाई 2025 में रिटायर होंगे। वन विकास निगम के एमडी बनाए गए अंबाड़े फरवरी 2026 में रिटायर होंगे।

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दो अफसर पहले ही हो चुके हैं सस्पेंड

बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 2 अफसरों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और उप वन मंडल अधिकारी फतेसिंह निनामा को सस्पेंड किया गया है। गौरव चौधरी घटना से पहले छुट्टी पर चले गए थे और सूचना मिलने के बाद भी वापस नहीं लौटे। वहीं फतेसिंह निनामा पर लापरवाही और समय पर नेतृत्व न करने का आरोप था, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।

कैसे हुई थी हाथियों की मौत?

दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फंगस संक्रमित कोदो की बड़ी मात्रा खाने से हाथियों की मौत हो गई थी। इसमें मादा और एक नर हाथी शामिल थे। मृत हाथियों के विसरा नमूनों की विषाक्तता रिपोर्ट राज्य फोरेंसिक लैब सागर से आई थी। हाथियों के पेट में किसी भी तरह की अन्य धातु या कीटनाशक नहीं पाया गया था। वहीं हाथियों की मौत पर खूब राजनीति भी देखने को मिली थी। इस पूरे मामले पर राज्य के सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि मध्य प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। हाथी मित्र नियुक्त किए जाएंगे और सोलर फेंसिंग से किसानों की फसलों को बचाया जाएगा।

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जंगली हाथी को पहनाया गया रेडियो कॉलर

वहीं बीते दिन ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार एक जंगली हाथी को सैटेलाइट रेडियो कॉलर लगाया गया। बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया गया ताकि उस पर नजर रखी जा सके।

FAQ

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कितने हाथियों की मौत हुई थी?
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 11 हाथियों की मौत हुई थी।
क्या कारण था हाथियों की मौत का?
हाथियों की मौत फंगस से संक्रमित कोदो की बड़ी मात्रा खाने से हुई थी। विसरा रिपोर्ट में कोई धातु या कीटनाशक नहीं पाया गया।
इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है?
इस मामले में दो अफसरों, फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और उप वन मंडल अधिकारी फतेसिंह निनामा को सस्पेंड किया गया है।
मुख्य वन संरक्षक वीएन अंबाड़े को क्यों हटाया गया?
बताया जा रहा है कि 11 हाथियों की मौत की वजह से वीएन अंबाड़े पर गाज गिरी है।

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