मध्यप्रदेश की इकलौती AIMIM हिंदू पार्षद ने छोड़ी पार्टी, जानें इस्तीफे के पीछे की वजह
मध्यप्रदेश में एआईएमआईएम की पहली हिंदू पार्षद अरुणा उपाध्याय ने निजी कारणों से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वे खरगोन के वार्ड क्रमांक 2 से पार्षद चुनी गई थी। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कार्यालय भेजा है।
MP News:मध्यप्रदेश के खरगोन नगर निगम में AIMIM की पहली हिंदू पार्षद अरुणा उपाध्याय ने अपनी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 2022 के निकाय चुनाव में उन्होंने AIMIM से जीत हासिल की थी।
इस जीत के साथ ही वह मध्यप्रदेश में ओवैसी की पार्टी से चुनी जाने वाली पहली हिंदू पार्षद बनीं थीं। उनकी राजनीति में यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने इस निर्णय के पीछे पारिवारिक कारण बताए है।
क्या थी अरुणा के पार्टी छोड़ने की वजह?
पार्षद अरुणा उपाध्याय ने अपने इस्तीफे में निजी कारणों का उल्लेख किया है। उन्होंने AIMIM के प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी को लिखे पत्र में कहा कि वह अब AIMIM की कोर कमेटी और पार्टी सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह पार्षद पद पर स्वतंत्र रूप से कार्य करती रहेंगी।
ऐसे समझे एआईएमआईएम पार्षद के इस्तीफे की पूरी कहानी
अरुणा उपाध्याय ने AIMIM से इस्तीफा दिया: निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने पार्टी सदस्यता छोड़ दी, लेकिन पार्षद पद पर कार्य जारी रखने का फैसला किया।
2022 में बनीं पहली हिंदू AIMIM पार्षद: अरुणा उपाध्याय ने खरगोन के वार्ड-2 से AIMIM के टिकट पर जीत दर्ज की थी, जहां 70% मुस्लिम आबादी थी।
चुनावी जीत में बीते थे कड़े मुकाबले: उन्होंने बीजेपी की सुनीता गांगले और कांग्रेस की शिल्पा सोनी को हराकर जीत हासिल की थी।
पति के खिलाफ शिकायत: अरुणा ने अपने पति श्यामलाल उपाध्याय पर जान से मारने की धमकी देने और नगरपालिका के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल: इस्तीफा देने के बावजूद, अरुणा उपाध्याय ने स्वतंत्र रूप से पार्षद के रूप में अपने कार्य जारी रखने का निर्णय लिया है।
भाजपा-कांग्रेस को हराकर बनी थी पार्षद
वर्ष 2022 में हुए निकाय चुनावों में खरगोन नगर पालिका के लिए अरुणा उपाध्याय ने एआईएमआईएम के टिकट पर वार्ड क्रमांक 2 से पार्षद चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें 643 वोट से जीत मिली थी, उन्होंने भाजपा की सुनीता गांगले और कांग्रेस की शिल्पा सोनी को एकतरफा मुकाबले में हराया था।
अरूणा उपाध्याय उस समय मुस्लिम बाहुल्य वार्ड से पूरे प्रदेश में एआईएमआईएम से जीतने वाली पहली हिंदू पार्षद बन गई थी। वे अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर भी काफी मुखर और जागरुक हैं।
पति के खिलाफ दर्ज कराया था मामला
हालांकि अरुणा का राजनीतिक सफर सुचारू रूप से चलता रहा, लेकिन उनके निजी जीवन में कुछ समस्याएं आईं। हाल ही में उन्होंने अपने पति श्यामलाल उपाध्याय के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी और उनके काम में बाधा डालने की कोशिश की थी। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।
अरुणा उपाध्याय ने बताया कि वह पार्षद पद से इस्तीफा नहीं दे रही हैं, बल्कि केवल पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। इसका मतलब यह है कि वह भविष्य में भी अपने वार्ड के लिए काम करती रहेंगी, लेकिन अब वह किसी पार्टी से नहीं जुड़ी रहेंगी।
यह फैसला उनके लिए एक नया रास्ता खोल सकता है, जिसमें वह स्वतंत्र रूप से अपने कार्य कर सकती हैं। साथ ही भविष्य में किसी अन्य दल में शामिल होने के रास्ते भी खुले रहेंगे।