एमपी में दिवाली के बाद जहरीली हुई हवा: इंदौर-सागर में AQI 340+ पार, सांस लेना मुश्किल!

दिवाली की रात आतिशबाजी के कारण मध्य प्रदेश में हवा काफी खराब हो गई। रात 9 बजे के बाद भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे कई शहरों में AQI 300 से ऊपर चला गया।

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Sanjay Dhiman
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BHOPAL. दिवाली की रात मध्यप्रदेश के कई शहरों में देर तक पटाखे चले। शाम 5 बजे तक जो हवा ठीक थी, वह रात 9 बजे के बाद प्रदूषित हो गई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर और सिंगरौली जैसे शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार चला गया। AQI का यह स्तर खराब हवा की श्रेणी में आता है।

इंदौर में हवा सबसे ज्यादा जहरीली रही, यहां AQI 361 तक पहुंच गया। प्रदूषण इतना बढ़ गया कि मंगलवार सुबह लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी होने लगी। आतिशबाजी ने हवा को सांस लेने लायक नहीं छोड़ा। 

4 घंटे की आतिशबाजी में पीएम 2.5 बढ़ा चार गुना

दीपावली की रात (मंगलवार) आठ बजे से 12 बजे तक एमपी में जोरदार आतिशबाजी हुई। इस आतिशबाजी के कारण हवा का पीएम लेवल ( पर्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5) चार गुना तक बढ़ गया। यह प्रदूषण के तत्व अगले दिन भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बने।

मंगलवार सुबह कई शहरों में लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पीएम लेवल उन छोटे प्रदूषण करने वाले कणों को कहा जाता है जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं।  

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बड़े शहरों में सबसे ज्यादा खतरा?

इंदौर – AQI 361

इंदौर के छोटी ग्वालटोली एरिया में AQI 361 दर्ज हुआ। एयरपोर्ट एरिया में भी रिकॉर्डतोड़ बढ़त देखने को मिली। हवा इतनी खराब रही कि लोगों की आंखों में जलन और गले में सूखापन महसूस हुआ।

सागर – AQI 341

सागर में भी AQI 341 रहा जिससे सांस की तकलीफ और खांसी की दिक्कतें बढ़ गईं।

भोपाल – 336

कोहेफिजा में 153 से 336 तक पहुंचकर प्रदूषण रेड ज़ोन में चला गया।

ग्वालियर – 333

डीडी नगर और महाराज बाड़ा इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा।

सिंगरौली – 306

औद्योगिक गतिविधियों के चलते यहां प्रदूषण और बढ़ा। 

एमपी में एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने से हुए नुकसान को ऐसे समझें 

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  1. दिवाली के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी मानी जाती है।
  2. इंदौर और सागर सबसे प्रदूषित रहे, जहाँ AQI क्रमशः 361 और 341 दर्ज किया गया।
  3. भोपाल में कोहेफिजा क्षेत्र में AQI 336, जबकि ग्वालियर और सिंगरौली में भी 300+ रिकॉर्ड हुआ।
  4. ठंडी हवाओं और रातभर पटाखे चलने के कारण PM 2.5 स्तर तेजी से बढ़ा, जिससे सुबह स्मॉग की परत छाई रही।
  5. प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

ठंडी हवाओं ने और बढ़ा दी परेशानी

दीपावली की रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री के बीच बना रहा। इस दौरान ठंडी हवाएं भी चलीं। इन ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषण के कण या पार्टिकल्स आसमान में नहीं जा पाए।

सर्द हवाएं जमीन के करीब बहती हैं, इन हवाओं में शामिल ये पॉल्यूशन पार्टिकल्स भी जमीन के आसपास बने रहे। इन हवाओं के कारण स्मॉग की मोटी परत सुबह तक देखी गई। हानिकारक गैसें और प्रदूषण के कण ठंडी हवा में घुल गए, जिससे लोगों को परेशानियां हुईं। 

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200 से ऊपर एक्यूआई, खतरनाक

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, 200 से अधिक AQI वाली हवा सेहत के लिए खतरनाक मानी जाती है। विशेषज्ञ सुभाष पांडेय ने बताया कि 200 से अधिक AQI वाली हवा में लगातार सांस लेने से कई परेशानियां हो सकती हैं। आंखों में जलन, गले व त्वचा पर जलन या खुजली होना, सांस लेने में परेशानियाँ, सिरदर्द जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

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