HMPV को लेकर अलर्ट मोड में MP सरकार, स्कूलों में बढ़ी सतर्कता

मध्य प्रदेश के स्कूलों ने एचएमपीवी के खतरे को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। चीन में तेजी से फैल रहे इस वायरस के कारण दुनियाभर में अलर्ट बढ़ गया है

Advertisment
author-image
Raj Singh
एडिट
New Update
mp alert
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले अब भारत में भी चर्चा का विषय बन गए हैं। चीन में तेजी से फैल रहे इस वायरस के कारण दुनियाभर में अलर्ट बढ़ गया है। भारत के कुछ राज्यों में एचएमपीवी के आठ मामले सामने आए हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस वायरस को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक प्रभाव डाल सकता है।  

बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत 

मध्य प्रदेश के स्कूलों ने एचएमपीवी के खतरे को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को मास्क पहनकर आने और सर्दी-जुकाम की स्थिति में घर पर रहने की सलाह दी है। कुछ स्कूलों ने गेट पर स्टाफ तैनात कर बच्चों की जांच शुरू कर दी है। अगर किसी बच्चे में सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पाए जाते हैं, तो उसके पैरेंट्स को तुरंत सूचित किया जा रहा है।  

राज्य सरकार की तैयारी  

मध्य प्रदेश में अभी एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को स्थिति पर गहन निगरानी रखने और संक्रमण से बचाव के लिए तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलेजों को विशेष प्रोटेक्शन उपायों पर काम करने को कहा गया है।  

नया वायरस नहीं है HMPV, कितना खतरनाक और क्या सावधानियां बरतें? जानिए

एचएमपीवी के लक्षण और इसका प्रभाव 

एचएमपीवी के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह होते हैं। इनमें खांसी, गले में खराश, नाक बहना और हल्का बुखार शामिल हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच सकता है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।  

कोविड-19 से एचएमपीवी की तुलना

विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपीवी कोविड-19 जितना घातक नहीं है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन का कहना है कि यह वायरस फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी स्पष्ट किया है कि यह वायरस पहले से ही प्रचलन में है और इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियां विभिन्न देशों में रिपोर्ट की गई हैं।  

चीन से भारत पहुंचा HMPV वायरस, 8 महीने की बच्ची में मिला संक्रमण

बचाव के ये हैं उपाय

  • मास्क का उपयोग करें।  
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।  
  • छोटे बच्चों और बुजुर्गों को संक्रमण से बचाने के लिए उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।  
  • सर्दी-जुकाम के लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।  

एचएमपीवी का क्या है इतिहास?  

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पहचान पहली बार साल 2001 में की गई थी, लेकिन यह 1970 से इंसानों में मौजूद है। यह वायरस एक आम श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, जो आमतौर पर हल्के लक्षण उत्पन्न करता है।  

फिलहाल नियंत्रण में है स्थिति  

एचएमपीवी को लेकर भय का माहौल बनना स्वाभाविक है, लेकिन यह जानलेवा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग और स्कूलों द्वारा उठाए गए कदम इस संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं।  

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश MP News MP राजेंद्र शुक्ल HMPV के लक्षण HMPV Virus HMPV वायरस MP सरकार न्यूज एमपी न्यूज मध्य प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश समाचार एमपी स्कूल शिक्षा विभाग